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वसूली एक करोड़ 40 लाख की, संपत्ति की कीमत 50 लाख; जानिए पूरा मामला

दो निवेशकों की 1.40 करोड़ रुपये से अधिक की राशि न लौटाने पर रेरा ने जिला प्रशासन को आरसी काटने के आदेश दिए तो अधिकारी भी परियोजना का सच जानकर दंग रह गए।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 25 Aug 2020 10:34 PM (IST)Updated: Tue, 25 Aug 2020 10:34 PM (IST)
वसूली एक करोड़ 40 लाख की, संपत्ति की कीमत 50 लाख; जानिए पूरा मामला

देहरादून, जेएनएन। रेरा के आदेश के बाद भी निवेशकों की खून-पसीने की कमाई वापस मिलती नहीं दिख रही। रेरा अधिकतम बिल्डर की आरसी कटवाकर उसकी संपत्ति नीलाम करा सकता है, मगर यह भी महज एक छलावा निकले तो क्या किया जा सकता है। सहस्रधारा रोड पर आवासीय परियोजना का निर्माण कर रहे एमएनटी बिल्डकॉन प्रा. लि. के मामले में ऐसा ही होता दिख रहा है। दो निवेशकों की 1.40 करोड़ रुपये से अधिक की राशि न लौटाने पर रेरा ने जिला प्रशासन को आरसी काटने के आदेश दिए तो अधिकारी भी परियोजना का सच जानकर दंग रह गए। करोड़ों रुपये की परियोजना में बिल्डर के हिस्से की कुछ लाख रुपये की संपत्ति ही मिल पाई है। खैर, औपचारिकता पूरी करने के लिए मंगलवार को इनकी नीलामी की जा रही है।

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नायब तहसीलदार जसपाल राणा के मुताबिक जिस भूमि पर आवासीय परियोजना का निर्माण किया जा रहा है, वह लीज पर ली गई है। यानी कि यह एमएनटी बिल्डकॉन के नाम पर नहीं है, लिहाजा इसे नीलामी का भाग नहीं बनाया जा सकता। फ्लैट निर्माण के नाम पर अब तक जो ढांचा खड़ा हो चुका है, उस पर भी विभिन्न निवेशकों की वह राशि लगी है जो बैंक ऋण के रूप में है। ऐसे में यही विकल्प बचता है कि परियोजना के कार्यालय और परिसर में जो चल संपत्ति बची है, उसे नीलाम किया जाए। मंगलवार को बोलीदाताओं को परियोजना परिसर में दोपहर बाद तीन बजे आमंत्रित किया गया है। नीलामी के लिए विभिन्न संपत्ति की आधार दर तय नहीं की गई है, मगर इनकी कीमत 50 लाख रुपये के आसपास आंकी जा सकती है।

रेरा में पंजीकरण नहीं, नक्शे की अवधि भी समाप्त

एमएनटी बिल्डकॉन में निवेश कर चुके व्यक्तियों की मुश्किलें दूर होने के फिलहाल कोई आसार नहीं हैं। इस परियोजना का आज तक रेरा में पंजीकरण भी नहीं कराया गया है, जबकि निर्माण भी करीब दो साल से बंद चल रहा है। रेरा अध्यक्ष विष्णु कुमार ने बताया कि परियोजना के नक्शे की अवधि भी वर्ष 2016-17 में समाप्त हो चुकी है। बिना नक्शे के रेरा में पंजीकरण भी संभव नहीं है। वहीं, रेरा में बिल्डर के खिलाफ अब तक 13 से अधिक शिकायत दर्ज की जा चुकी हैं। सात शिकायतों का निस्तारण कर निवेशकों की रकम लौटाने के आदेश दिए गए हैं।

रेरा में शुरू होगी ऑनलाइन सुनवाई

उत्तराखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) में पांच माह से अधिक समय के बाद दोबारा सुनवाई शुरू की जा रही है। एक सप्ताह के भीतर प्राधिकरण में ऑनलाइन सुनवाई शुरू कर दी जाएगी। रेरा अध्यक्ष विष्णु कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते 19 मार्च को सुनवाई बंद कर दी गई थी। उस समय करीब 250 मामले लंबित थे। अब यह संख्या 300 तक पहुंच गई है।

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अपना हक पाने के लिए निवेशक लगातार शिकायत दर्ज करा रहे हैं। ऑनलाइन सुनवाई शुरू करने के लिए इंटरनेट की 80 मेगाबाइट प्रति सेकेंड स्पीड (एमबीपीएस) की लीज लाइन ले ली गई है। कैमरों की खरीद का आदेश भी जारी कर दिया गया है। कैमरे मिलते ही सुनवाई शुरू कर दी जाएगी। रेरा कार्यालय के एक खाली पड़े कक्ष में अलग से कोर्ट बनाने का काम भी चल रहा है। यहां पर फुल बेंच से संबंधित मामलों की सुनवाई की जाएगी। 19 मार्च के बाद रेरा ने उन प्रकरणों का निपटारा जरूर किया है, जिनमें सुनवाई कोर्ट बंद होने से पहले पूरी हो चुकी थी। 

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