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उत्‍तराखंड में मौसम के तेवर रहे तल्ख, जनवरी में 15 साल बाद रिकॉर्ड बारिश

उत्‍तराखंड में सर्दी का यह सीजन तल्ख रहा। इस बार रिकॉर्ड बारिश और बर्फबारी हुई है। करीब 15 साल बाद यह पहला मौका है जब प्रदेश में 200 फीसद से अधिक बारिश हुई है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 03 Feb 2020 11:41 AM (IST)Updated: Mon, 03 Feb 2020 11:41 AM (IST)
उत्‍तराखंड में मौसम के तेवर रहे तल्ख, जनवरी में 15 साल बाद रिकॉर्ड बारिश

देहरादून, विजय जोशी। सर्दी के इस सीजन में मौसम के तेवर कुछ ज्यादा ही तल्ख रहे। उत्तराखंड में इस बार रिकॉर्ड बारिश और बर्फबारी हुई है। करीब 15 साल बाद यह पहला मौका है, जब प्रदेश में 200 फीसद से अधिक बारिश हुई है। इसमें भी टिहरी जनपद में सर्वाधिक 190.3 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। दून में सामान्य से 255 फीसद अधिक 123.9 मिमी बारिश दर्ज की गई। यही नहीं, प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में इस बार भारी बर्फबारी ने लोगों की दुश्वारियां बढ़ाईं। बारिश से तो जहां खेती-बागवानी को लाभ होने की उम्मीद है, वहीं बर्फबारी ने कुछ क्षेत्रों को छोड़ अन्य में दिक्कतें ही पैदा की हैं।

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मौसम का मिजाज इस बार कुछ बदला-बदला सा है। वैसे तो नवंबर से ही मौसम तेवर बदलने लगा था, लेकिन जनवरी आते-आते मौसम आफत बन गया। दून समेत पूरे उत्तराखंड में जनवरी की शुरुआत से ही बारिश और बर्फबारी ने दुश्वारियों का दौर शुरू कर दिया।

जनवरी अंत तक बारिश और बर्फबारी के आठ दौर हुए। जिनमें भारी बारिश और बर्फबारी हुई। यही कारण रहा कि जनवरी में सामान्य से 227 फीसद अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई। ऐसा 2004 के बाद हुआ है। जबकि, बर्फबारी ने भी कई रिकॉर्ड तोड़े हैं, चारधाम समेत अन्य ऊंची चोटियों पर तो भारी हिमपात हुआ ही, मसूरी, नैनीताल, धनोल्टी, चकराता और रानीखेत जैसे क्षेत्रों में रिकॉर्ड बर्फबारी दर्ज की गई। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ की अति सक्रियता के कारण इस बार हिमालयी क्षेत्रों में घने बादलों डेरा रहा। साथ ही समय-समय पर बारिश और बर्फबारी होती रही। अभी फरवरी में भी मौसम के मिजाज में बदलाव आ सकता है।

 

खेती-बागवानी के लिए संजीवनी

कृषि निदेशक गौरी शंकर के मुताबिक, शीतकाल में हुई भारी बारिश से खेती और बागवानी को खासा लाभ मिलेगा। पहाड़ों में अच्छी बारिश के कारण भूमि में नमी बनी रहेगी, जिसके अप्रैल माह तक बरकरार रहने की उम्मीद है। इससे नकदी फसल के अलावा रबी और सरसों की फसल को भी खासा लाभ मिलेगा। सिंचाई साधनों से वंचित क्षेत्रों में भी बेहतर उत्पादन की उम्मीद है। जबकि, बर्फबारी के कारण सेब की पैदावार में इजाफा होने की उम्मीद है। बर्फबारी के बाद सेब का आकार और स्वाद भी बढ़ जाता है।

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बारिश के आंकड़े

  • जनपद--------वास्तविक बारिश----सामान्य बारिश------इजाफा
  • अल्मोड़ा---------------91.2----------34.4-----------------161
  • बागेश्वर---------------99.0----------34.9-----------------184
  • चमोली---------------146.6----------40.5-----------------262
  • चंपावत--------------102.5-----------32.9-----------------212
  • देहरादून-------------123.9-----------34.9-----------------255
  • पौड़ी-----------------122.4----------34.6,-----------------254
  • टिहरी----------------190.3-----------41.3-----------------361
  • हरिद्वार----------------81.5---------24.2-----------------237
  • नैनीताल---------------109.3---------31.9-----------------243
  • पिथौरागढ़-------------133.7---------42.4-----------------215
  • रुद्रप्रयाग---------------135.6---------52.2-----------------160
  • ऊधमसिंह नगर--------69.1----------21.9----------------216
  • उत्तरकाशी------------114.8----------42.9----------------168
  • कुल-----------------122.7--------------37.5----------------227
  • (बारिश मिलीमीटर में है, जबकि इजाफा फीसद में है।)

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