री-एडमिशन फीस वसूली तो स्कूल की मान्यता होगी निरस्त, पढ़िए पूरी खबर
सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों के प्रबंधन और प्रधानाचार्यों को उत्तराखंड बाल अधिकारी संरक्षण आयोग ने सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन और नियम-कानूनों से अवगत कराया।
देहरादून, जेएनएन। सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों के प्रबंधन और प्रधानाचार्यों को उत्तराखंड बाल अधिकारी संरक्षण आयोग ने सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन और नियम-कानूनों से अवगत कराया। बताया कि री-एडमिशन के नाम पर फीस वसूली तो स्कूल की मान्यता निरस्त की जा सकती है। साथ ही भारी जुर्माना भी लगाया जाएगा। इसके अलावा अन्य नियमों का उल्लंघन करने पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हिन्दू नेशनल इंटर कॉलेज में मंगलवार को हुई बैठक में आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि सीबीएसई बोर्ड के तहत पंजीकृत स्कूलों को सुप्रीम कोर्ट की ओर से पारित आदेशों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। उन्होंने आदेश का हवाला देते हुए बताया कि स्कूल में बच्चे को क्या सुविधाएं मिल रही है यह जानने का अधिकार अभिभावकों को है। इसके अलावा उन्होंने सीबीएसई बोर्ड की ओर से रखी गई शर्तों से भी बैठक में मौजूद प्रतिभागियों को अवगत करवाया। बैठक में उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सचिव झरना कमठान आदि मौजूद रहे।
इन नियमों से बंधे हैं सभी सीबीएसई स्कूल
-सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सभी विद्यालयों को सूचना देना अनिवार्य है।
-सीबीएसई बोर्ड की शर्त के अनुसार सभी स्कूलों को राज्य सरकार से एनओसी लेना अनिवार्य है।
-बिना राज्य की मान्यता के संचालित स्कूल की सीबीएसई बोर्ड मान्यता समाप्त कर सकता है।
-स्कूल में पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी अनिवार्य रूप से लगाना होगा।
-स्कूलों में छात्र-छात्राओं, शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के अलग-अलग शौचालय जरूरी हैं।
-बाहरी व्यक्ति के स्कूल में प्रवेश के दौरान जांच व उनके रिकॉर्ड को सुरक्षित रखा जाए।
-स्कूल परिसर में पुस्तक, ड्रेस व अन्य पठन-पाठन सामग्री की बिक्री नहीं होगी।
-कैपिटेशन फीस और री-एडमिशन फीस के नाम पर छात्रों से धनराशि वसूलने वाले स्कूल प्रबंधन से 10 गुना जुर्माना वसूला जाएगा।
-स्कूल बस पर चालक का नाम, पता लाइसेंस नंबर व टेलीफोन नंबर की जानकारी अनिवार्य रूप से देनी होगी।
-स्कूल के चतुर्थ श्रेणी कर्मियों, चालक व परिचालक का भौतिक सत्यापन निकट के पुलिस थाने से कराना होगा।
-प्राइमरी तक के बच्चों को शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान गृह कार्य न दिया जाए।
-ट्यूशन फीस के अलावा योग प्रशिक्षण, मार्शल आर्ट प्रशिक्षण आदि के नाम पर फीस वसूलने वाले विद्यालयों पर कार्रवाई होगी।
-स्कूलों में अग्नि सुरक्षा उपकरण नहीं होने पर अग्निशमन विभाग भारी जुर्माना लगा सकता है।
-सभी सीबीएसई स्कूलों में लगी शिकायत पेटिका पर मन की बात लिखना अनिवार्य होगा।
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