सात कोरोना वॉरियर्स के नाम रहा जिलाधिकारी सम्मान, पढ़िए पूरी खबर
सात कार्मिकों को मंगलवार को मंडलायुक्त रविनाथ रमन ने जिलाधिकारी सम्मान से नवाजा। इनका चयन सम्मान के लिए आवेदन करने वाले 142 कार्मिकों में से किया गया।
देहरादून, जेएनएन। कोरोनाकाल में अधिकांश समय सिस्टम के पहिये भी थमे रहे। अधिकतर कार्यालय बंद थे और कार्मिक वर्क फ्रॉम होम पर थे। फिर भी कुछ ऐसे कार्यालय थे, जिनके कार्मिक निरंतर काम करते रहे। इनमें से कई अधिकारियों व कर्मचारियों ने कोरोना वॉरियर्स की भांति एक कदम आगे बढ़कर अपनी जिम्मेदारी निभाई। ऐसे सात कार्मिकों को मंगलवार को मंडलायुक्त रविनाथ रमन ने 'जिलाधिकारी सम्मान' से नवाजा। इनका चयन सम्मान के लिए आवेदन करने वाले 142 कार्मिकों में से किया गया।
कलक्ट्रेट के ऋषिपर्णा सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मंडलायुक्त रविनाथ रमन ने अधिकारी वर्ग में जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी गणेश कंडवाल, एमडीडीए के सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर संजीवन सूंठा, कार्यालय कर्मचारी वर्ग में जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय की सांख्यिकीय सहायक प्रियंका गर्ग, विकासनगर तहसील के सहायक वासिल बाकी नवीस (एडब्ल्यूबीएन) इनाम खान, फील्ड कर्मचारी वर्ग में समाज कल्याण विभाग के वाहन चालक पूरन राम, जल संस्थान के पाइप लाइन फिटर ओम प्रकाश उनियाल व रायपुर की आशा कार्यकत्र्ता पूनम को सम्मान से नवाजा। उन्होंने कहा कि विभिन्न राष्ट्रीय पर्वों पर अन्य कार्मिकों को भी सम्मानित किया जाए। इस अवसर पर जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) बीर सिंह बुदियाल, संयुक्त मजिस्ट्रेट मनीष कुमार आदि उपस्थित रहे।
सम्मानित कार्मिकों का यह रहा योगदान
- गणेश कंडवाल: तमाम क्वारंटाइन सेंटर में कोरोना से बचाव के लिए रोजाना प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए। क्वारंटाइन सेंटर के साथ जरूरतमंदों के लिए भोजन की व्यवस्था में जुटे रहे।
- संजीवन सूंठा: वर्क फ्रॉम होम में भी एमडीडीए भवनों के नक्शे पास करता रहा। इसके लिए ऑनलाइन मैप अप्रूवल सिस्टम तैयार करने में इनकी विशेष भूमिका रही। ऑनलाइन कार्यप्रणाली में अन्य कई काम भी किए।
- प्रियंका गर्ग: कोरोनाकाल में कम्युनिटी सर्विलांस का डाटा तैयार करने और उसके विश्लेषण में अहम भूमिका रही।
- इनाम खान: राहत कोष व राजस्व संग्रह से संबंधित कार्यों की रफ्तार थमने नहीं दी।
- पूरन राम: जब कोराना जांच के सैंपल दून से सैकड़ों किलोमीटर दूर हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज भेजने की व्यवस्था थी तो इन्होंने रात-दिन का भेद मिटाकर वाहन चलाया।
- ओम प्रकाश उनियाल: लॉकडाउन में निर्बाध जलापूर्ति के लिए अपने काम में डटे रहे।
- पूनम: जमातियों के सर्विलांस के लिए जब सभी हिचकिचा रहे थे तो इन्होंने आगे बढ़कर इस जिम्मेदारी को स्वीकार किया।