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राष्ट्रीय औसत से अलग नहीं उत्‍तराखंड में पलायन की दर

उत्‍तराखंड में पलायन तो हो रहा है, मगर वर्ष 2011 के बाद स्थिति बदली है। लोग अपने-अपने जिले के सुविधाजनक स्थानों पर आ रहे हैं

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 13 Apr 2018 10:56 PM (IST)Updated: Sun, 15 Apr 2018 04:59 PM (IST)
राष्ट्रीय औसत से अलग नहीं उत्‍तराखंड में पलायन की दर
राष्ट्रीय औसत से अलग नहीं उत्‍तराखंड में पलायन की दर

देहरादून, [केदार दत्त]: विषम भूगोल वाले उत्तराखंड से निरंतर हो रहा पलायन भले ही हर किसी की चिंता में शुमार हो, लेकिन ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की मानें तो इसे लेकर तस्वीर भयावह नहीं है। यहां पलायन की दर राष्ट्रीय औसत के आसपास ही है। आयोग के उपाध्यक्ष डॉ.एसएस नेगी के मुताबिक पलायन तो हो रहा है, मगर वर्ष 2011 के बाद स्थिति बदली है। लोग अपने-अपने जिले के सुविधाजनक स्थानों पर आ रहे हैं, जिससे तमाम छोटे-छोटे कस्बे विकसित हो रहे हैं। यही नहीं, सभी जिलों में रिवर्स पलायन हुआ है और गांव छोड़कर गए काफी संख्या में लोग वापस लौटे हैं।

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पलायन की सही तस्वीर सामने लाने और इसके लिए ठोस एवं प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने के मकसद से सरकार ने ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग का गठन किया है। आयोग पलायन के कारणों की पड़ताल में जुटा है और उसकी प्रारंभिक रिपोर्ट लगभग अंतिम चरण में है। आयोग के उपाध्यक्ष डॉ.एसएस नेगी ने 'दैनिक जागरण' से बातचीत में कहा कि पलायन से संबंधित रिपोर्ट तैयार हो रही है। उन्होंने कहा कि पलायन को लेकर जैसी आमधारणा है, तस्वीर वैसी नहीं है। पलायन का राष्ट्रीय औसत प्रति हजार पर ढाई सौ लोग है। उत्तराखंड में भी पलायन की दर इसी के आसपास है। इसके अलावा अन्य राज्यों से हो रहे पलायन का भी तुलनात्मक अध्ययन चल रहा है।

डॉ.नेगी ने कहा कि आयोग के पास 2011 की जनगणना के आंकड़े तो थे, लेकिन इसके बाद पिछले सात वर्षों में क्या हुआ, इसकी जानकारी नहीं थी। इसे देखते हुए आयोग ने राज्य की 7950 ग्राम पंचायतों में पलायन, पहले और अब की स्थिति, मूलभूत सुविधाएं, शिक्षा, रोजगार समेत तमाम सवालों को लेकर सर्वे किया। उन्होंने कहा कि 2011 के बाद स्थिति बदली है।

आयोग के उपाध्यक्ष ने बताया कि तमाम जिलों में लोग गांवों से अपने ही जिले में सुविधानजक स्थानों पर शिफ्ट हुए हैं। इससे छोटे-छोटे कस्बे विकसित हो रहे हैं। इसके चलते कई गांवों में जनसंख्या घटी है। उनके अनुसार सर्वे में ये बात भी सामने आई कि लगभग सभी जिलों में पूर्व में गांव छोड़कर गए लोग वापस लौटे हैं। हालांकि, उन्होंने इनकी संख्या का खुलासा करने से इनकार कर दिया।

अब 30 अप्रैल तक सौंपेंगे रिपोर्ट

पलायन की स्थिति को लेकर इन दिनों आयोग रिपोर्ट तैयार करने में जुटा है। आयोग के उपाध्यक्ष के मुताबिक डाटा की क्रॉस चेकिंग की जा रही है। इसमें वक्त लग रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को रिपोर्ट 30 अप्रैल तक यह सौंपी जाएगी। पहले इसके लिए 15 अप्रैल की तिथि नियत थी।

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