इतिहासकार रामचंद्र गुहा बोले, एकल शिक्षा देने वाले स्कूलों में नहीं भेजूंगा अपने बच्चे
इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने देहरादून और कैंब्रियन हॉल से अपने रिश्तों की यादें ताजा कीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं एकल शिक्षा पद्धति का समर्थन नहीं करता।
देहरादून, जेएनएन। कैंब्रियन हॉल स्कूल के 53वें स्थापना दिवस में पहुंचे इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने देहरादून और कैंब्रियन हॉल से अपने रिश्तों की यादें ताजा कीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं एकल शिक्षा पद्धति का समर्थन नहीं करता। मैं अपने बच्चों को कभी ऐसे स्कूल में भेजना पसंद नहीं करूंगा, जहां केवल लड़कों या लड़कियों को पढ़ाया जाता हो। उन्होंने छात्र-छात्राओं से अपने स्कूल के दिनों के कई किस्से भी साझा किए।
रामचंद्र गुहा ने प्रतिष्ठित दून स्कूल और वेल्हम गर्ल्स स्कूल का उदाहरण देते हुए कहा कि भले ही ये देश के सर्वश्रेष्ठ स्कूलों में शामिल हों, लेकिन इन स्कूलों की नींव एकल शिक्षा पर रखी गई है। उन्होंने कहा कि पुराने समय में गढ़ी गई ऐसी मानसिकता को अब भूलने की जरूरत है। विभाजन का जिक्र करते हुए कहा कि जिन्ना जैसे लोगों के कारण देश दो हिस्सों में बंट गया। बताया कि कुछ समय पहले मैं पाकिस्तान गया था।
वहां कुछ लोग आम लोगों की मानसिकता खराब करने का काम कर रहे हैं। वहां जो लोग उर्दू बोलते हैं, मुस्लिम धर्म अपनाते हैं और भारत से नफरत करते हैं, उन्हें ही देशभक्त माना जाता है। भारत में भी ऐसे लोग मौजूद हैं। जो भाषा और धर्म को लोगों पर थोपना चाहते हैं। कहा कि बीजेपी, कांग्रेस समेत हर पार्टी में ऐसे लोग हैं, जो समुदाय मात्र को बढ़ावा देते हैं। कई राजनीतिज्ञ जिन्ना की सोच रखते हैं, वह मानते हैं कि हिन्दी नहीं अपनाई गई तो देश के टुकड़े हो जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं है, भारत की अपनी गरिमा है। यह समुदाय विशेष का देश नहीं है। ऐसे लोगों को अपनी सोच बदलने की जरूरत है।
जीवन में कला को जगह दें युवा
रामचंद्र गुहा ने छात्रों से जीवन में कला को भी जगह देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि कला जीवन मेें रस भरती है। इससे तनाव दूर होता है। उन्होंने देहरादून के साथ जुड़ी अपनी यादों की दास्तां भी छात्रों को सुनाई। गुहा ने बताया कि उनकी मां खुद कैंब्रियन हॉल स्कूल में पढ़ाती थीं। उन्होंने आम जीवन में फोन का प्रयोग घटाने की सलाह दी। कहा कि इससे बेहतर हमें पढ़ना या संगीत सुनना चाहिए।
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अव्वल रहे छात्रों को सम्मानित किया
कार्यक्रम के समापन पर पढ़ाई, खेल समेत अन्य क्रियाकलापों में अव्वल रहे स्कूल के छात्रों को सम्मानित किया गया। रामचंद्र गुहा और स्कूल के अन्य पदाधिकारियों ने छात्रों को ट्रॉफी व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम की शुरुआत में स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. एससी बयाला ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। आईसीएससी परीक्षा में सर्वोच्च अंक लाने वाले अभयवीर यादव व सिमरन कौर और आईएससी में सर्वाधिक अंक लाने वाले हर्षित गोयल व शिवांगी थापा को पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित हुए। छात्रों ने लघु नाटिका बुद्धं शरणम् गच्छामि की प्रस्तुति दी। इसके अलावा गीत-नृत्य की प्रस्तुति से समां बांध दिया। इस मौके पर बोर्ड ऑफ ट्रस्टी, अतिथिगण, अभिभावक व सभी शिक्षक मौजूद रहे।
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