देहरादून रेलवे स्टेशन के 90 फीसद मुद्दों पर बनी सहमति Dehradun News
रेलवे एडीआरएम आरएलडीए व एमडीडीए के बीच हुई बैठक में री-डेवलेपमेंट ऑफ रेलवे स्टेशन प्रोजेक्ट के 90 फीसद मुद्दों पर सहमति बन गई है।
देहरादून, जेएनएन। रेलवे एडीआरएम, आरएलडीए व एमडीडीए के बीच हुई बैठक में री-डेवलेपमेंट ऑफ रेलवे स्टेशन प्रोजेक्ट के 90 फीसद मुद्दों पर सहमति बन गई है। सितंबर पहले सप्ताह तक शेष 10 फीसद मुद्दों पर सहमति बनाकर राज्य सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
गुरुवार की सुबह रेलवे बोर्ड के अपर मंडल रेल प्रबंधक अश्वनी कुमार ने देहरादून रेलवे स्टेशन का दौरा किया। जिसके बाद उन्होंने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा प्रस्तावित रेलवे स्टेशन के नवीनीकरण प्रोजेक्ट पर रेलवे लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (आरएलडीए) और एमडीडीए के अधिकारियों के साथ कंसलटेंट द्वारा बनाए गए डिजाइन और कासेप्ट प्लान के साथ रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया।
इस दौरान टीम ने प्रोजेक्ट कंसलटेंट ज्ञान पी माथुर एंड एसोसिएट्स के अधिकारियों को कुछ बदलाव के सुझाव दिए। एमडीडीए उपाध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बैठक में प्रोजेक्ट के सभी बिंदुओं व पहलुओं खासतौर पर डिजाइन, वित्तीय व्यावहारिकता व तौर तरीकों पर विस्तृत रूप से चर्चा करते हुए भविष्य की रूपरेखा तैयार की गई। बैठक में प्राधिकरण के सचिव जीसी गुणवंत, आरएलडीए के वाइस चेयरमैन वेद प्रकाश दूधेजा, मेंबर बोर्ड अंजनी कुमार, जीएम नवीन अग्रवाल शामिल रहे।
स्टेशन अधिकारियों के साथ बैठक
अपर मंडल रेल प्रबंधक अश्वनी कुमार ने देहरादून रेलवे स्टेशन के निरीक्षण के दौरान स्टेशन अधिकारियों के साथ भी बैठक की। इस दौरान उन्होंने रेलवे यार्ड, रेलवे कॉलोनी का निरीक्षण किया। उन्होंने स्टेशन पर सफाई व्यवस्था, यात्री सुविधा पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। बैठक में स्टेशन अधीक्षक एसडी डोभाल, स्टेशन डायरेक्टर गणेश चंद्र, कमर्शियल इंस्पेक्टर एसके अग्रवाल समेत अन्य मौजूद रहे।
निगरानी तंत्र मजबूत करने वाले सेंटर से रूबरू कराया
शहर के निगरानी तंत्र को बेहतर बनाने और तमाम सेवाओं की मॉनिटरिंग के लिए तैयार किए जा रहे इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आइसीसीसी) से इससे संबंधित विभिन्न विभागों को रूबरू कराया गया।
गुरुवार को चकराता रोड स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में कंपनी के सीईओ डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि 294.41 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाले सेंटर से दून की तमाम स्मार्ट सेवाओं को एक जगह से कंट्रोल करने और सूचनाओं को एकत्रित किया जा सकेगा। इसकी स्थापना आइटी पार्क स्थित आइटीडीए भवन में की जा रही है। इस योजना के तहत सभी प्रमुख चौराहों/तिराहों पर स्मार्ट सिग्नल/पोल लगाए जाएंगे। यातायात की डेंसिटी (घनत्व) आधारित ये सिग्नल स्वयं यह तय करेंगे, कि जिस लेन पर सर्वाधिक वाहन खड़े हैं, वहां ग्रीन सिग्नल देना है। इन सिग्नल पर स्मार्ट कैमरे भी लगे होंगे, जो रेड लाइट जंप करने, बिना हेलमेट पहनकर वाहन चलाने व रेड लाइट जंप करने वाले वाहनों की सूचना कंट्रोल सेंटर को भेज देंगे। इसके साथ ही शहर के निगरानी तंत्र को बेहतर करने के लिए शहर के भीतर से लेकर सीमा क्षेत्रों में 700 के करीब सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इस दौरान उन्होंने सेंटर को बेहतर बनाने के लिए अधिकारियों से सुझाव भी मांगे। इस अवसर पर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक रूहेला, उपनगर आयुक्त सोनिया पंत, कंपनी के महाप्रबंधक बीसी बिनवाल आदि उपस्थित रहे।
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भूमिगत कूड़ेदानों पर लगेंगे सेंसर
इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के तहत सेंसर आधारित 80 भूमिगत कूड़ेदान भी लगाए जाएंगे, जिनके 70 फीसद भरते ही उसकी सूचना सेंसर के माध्यम से कंट्रोल सेंटर को मिल जाएगी। ताकि उन्हें खाली करने की कार्रवाई शुरू की जा सके। इसके तहत कूड़ा उठान वाले स्मार्ट वाहन भी चलाए जाएंगे, जिनकी पूरी लोकेशन व टाइमिंग की निगरानी संभव होगी।
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