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41 भाषाओं और बोलियों में पढ़ी गई कुरान

जागरण संवाददाता, देहरादून: कुरान-ए-पाक जीवन जीने की राह सिखाती है। कुरान में अल्लाह कहता है कि मा

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 May 2018 10:19 PM (IST)Updated: Mon, 28 May 2018 10:19 PM (IST)
41 भाषाओं और बोलियों में पढ़ी गई कुरान

जागरण संवाददाता, देहरादून:

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कुरान-ए-पाक जीवन जीने की राह सिखाती है। कुरान में अल्लाह कहता है कि मानवता से बड़ा धर्म कोई नहीं। कुरान में मुस्लिम ही नहीं, गैर मुस्लिमों का भी सम्मान सिखाया जाता है। कुरान लेख कला की दर्पण प्रदर्शनी में सभी धर्मो के लोगों को कुरान को जानने का मौका मिला। प्रदर्शनी में संस्कृत, मराठी, बंगाली समेत कई भाषाओं के साथ गढ़वाली और कुमाऊंनी जैसी स्थानीय बोलियों में भी कुरान उपलब्ध थी।

तस्मिया ऑल इंडिया एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर सोसायटी की ओर से टर्नर रोड में दो दिवसीय कुरान लेख कला की दर्पण प्रदर्शनी आयोजित हुई। हर किसी ने अपनी सहूलियत के हिसाब से पसंदीदा कुरान पढ़ी। प्रदर्शनी में एक पन्ने से लेकर 1269 पन्नों तक की कुरान उपलब्ध रही। कई कुरान का वजन 2500 किलो तक था। प्रदर्शनी में विभिन्न धर्मो एवं समाज के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और कुरान को करीब से जानने का प्रयास किया। समाजसेवी डॉ. एस. फारुख ने कहा कि कुरान में इंसान को प्रेम-भाईचारे के साथ रहना सिखाया गया है। कुरान में उल्लेखित मार्गदर्शन लोगों को पसंद आया।

बादशाहों की लिखी कुरान से हुए रूबरू: कुरान लेख कला प्रदर्शनी बेहद खास रही। यहां मुगल बादशाह औरंगजेब से लेकर इराक, मलेशिया, कुवैत, ईरान समेत कई अन्य देशों के सर्वोच्च नेताओं की लिखी कुरान भी मौजूद थी।

कुरान इंसानियत का दर्पण

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने भी कुरान देखी। उन्होंने कहा कि कुरान में मानवता को सर्वोच्च माना गया है। इस अवसर पर ब्रिगेडियर रमेश भाटिया, राज बख्शी, हर्षवर्धन आर्य, डॉ. आदित्य आर्य मौजूद रहे।


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