तबादलों से और बिगड़े दुर्गम स्कूलों के हालात, जानिए कैसे
शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर फिर प्रश्न चिह्न लगे हैं। जिस तरह की स्थिति है उसे देख लग रहा है कि विभागीय अधिकारियों ने आंख मूंद कर तबादले किए हैं।
देहरादून, जेएनएन। हालिया स्थानांतरण ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर फिर प्रश्न चिह्न लगा दिया है। जिस तरह की स्थिति है, उसे देख लग रहा है कि विभागीय अधिकारियों ने आंख मूंद कर तबादले किए हैं। एलटी और प्रवक्ता के तबादलों में इस बात का भी ख्याल नहीं रखा कि जिसका स्थानांतरण किया उसका प्रतिस्थानी भी विद्यालय में भेजना है। इस कारण कई विद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त हो गए हैं। कई जगह पहले ही पद खाली थे, अब स्थानांतरण के बाद स्थिति और विकट हो गई है। सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग बच्चों के भविष्य को लेकर कितना चिंतित है।
शिक्षा विभाग में दो साल बाद हुए तबादलों से दुर्गम के स्कूलों की हालत सुधरने के बजाय ज्यादा बिगड़ गई है। स्थानांतरण से पहले कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए कि दुर्गम विद्यालयों में 70 फीसद पद भरे जाने के बाद ही अन्य तबादले होने चाहिए। विभागीय अधिकारी पिछले करीब एक माह से पारदर्शिता के साथ प्रक्रिया पूरी करने का दावा भी करते रहे, लेकिन स्थानांतरण होने के बाद अब एक के बाद एक गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। नया मामला प्रदेश केदुर्गम क्षेत्रों में स्थित माध्यमिक विद्यालयों से जुड़ा है, जहां तबादलों के बाद रिक्त पदों की संख्या बढ़ गई है।
आलम यह है कि जिन विद्यालयों में पहले चार पद खाली थे, वहां तबादलों के बाद रिक्त पदों की संख्या बढ़कर छह हो गई है। कई स्कूलों में पहले से तैनात शिक्षकों का दूसरी जगह तबादला तो कर दिया गया, लेकिन उनके स्थान पर किसी शिक्षक की तैनाती नहीं की गई है।
आपत्ति के लिए नोडल अधिकारी
शिक्षा विभाग ने तबादलों में विसंगतियों और गड़बड़ियों की शिकायतों का संज्ञान लेने के लिए तीन नोडल अफसर बनाए हैं। अलग-अलग स्तरों के कार्मिक इनके पास अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। प्रधानाध्यापक स्तर के अधिकारी निदेशक माध्यमिक शिक्षा आरके कुंवर, प्रवक्ता अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा रामकृष्ण उनियाल और एलटी शिक्षक निदेशक माध्यमिक शिक्षा अंबा दत्त बलोदी के पास अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।
केस-1
जीआइसी पंतस्थली अल्मोड़ा से एलटी हिन्दी, अंग्रेजी और सामाजिक अध्ययन का स्थानांतरण कर दिया पर आया कोई नहीं
केस-2
जीआइसी घंगासू जखोली रुद्रप्रयाग अति दुर्गम। यहां से दो शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया पर प्रतिस्थानी कोई नहीं आया।
केस-3
राइंका घाट से प्रवक्ता हिन्दी और प्रवक्ता संस्कृत के पदों पर स्थानांतरण। पर इनके बदले आया कोई नहीं।
केस-4
जीआइसी पहाड़पानी नैनीताल में लेक्चरर के चार पद रिक्त थे। अब स्थानांतरण के बाद दो और रिक्त हो गए हैं।
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