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राजभवन में 13-14 मार्च को होगी पुष्प प्रदर्शनी, दो घंटे बच्चों के लिए रहेंगे आरक्षित

राजभवन में इस वर्ष पुष्प प्रदर्शनी बसंतोत्सव का आयोजन 13 व 14 मार्च को किया जाएगा। पुष्प प्रदर्शनी में दो घंटे बच्चों के लिए आरक्षित रहेंगे। इसमें कोरोना रोकथाम से जुड़ी सभी सावधानियां रखी जाएंगी। गत वर्ष कोरोना के कारण प्रदर्शनी का आयोजन नहीं हो पाया था।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 12:20 PM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 12:20 PM (IST)
राजभवन में 13-14 मार्च को होगी पुष्प प्रदर्शनी। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, देहरादून। राजभवन में इस वर्ष पुष्प प्रदर्शनी 'बसंतोत्सव' का आयोजन 13 व 14 मार्च को किया जाएगा। पुष्प प्रदर्शनी में दो घंटे बच्चों के लिए आरक्षित रहेंगे। इसमें कोरोना रोकथाम से जुड़ी सभी सावधानियां रखी जाएंगी। गत वर्ष कोरोना के कारण प्रदर्शनी का आयोजन नहीं हो पाया था। गुरुवार को राजभवन में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य की अध्यक्षता में हुई बैठक में पुष्प प्रदर्शनी के आयोजन की तिथि तय की गई। निर्णय लिया गया कि पुष्प प्रदर्शनी में प्रदेश की विशिष्ट वनस्पति अथवा जैव प्रजाति पर पोस्टल कवर भी जारी किया जाएगा।

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राज्यपाल ने कहा कि प्रदर्शनी पुष्प उत्पादकों के लिए अधिक उपयोगी बनाई जाए। इंडोर प्लांट, हर्बल एवं एरोमेटिक प्लांट की नई प्रजातियां प्रदर्शित की जाएं। उन्होंने संस्कृति विभाग को उत्तराखंड की लोक कला एवं संस्कृति पर आधारित गुणवत्ता युक्त कार्यक्रम निर्धारित करने के निर्देश दिए। इस दौरान विभिन्न श्रेणियों में प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा। बैठक में सचिव उद्यान हरबंश चुघ, अपर सचिव राज्यपाल जितेंद्र सोनकर, निदेशक उद्यान डॉ. एचएस बवेजा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 

दे रही ऐपण कला को प्रोत्साहन

राज्य ब्यूरो, देहरादून प्रदेश सरकार उत्तराखंड की पारंपरिक ऐपण कला को प्रोत्साहन दे रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हालिया दिल्ली दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्रियों को ऐपण कलाकृति भेंट कर इस दिशा में अहम पहल की। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट के मुताबिक ऐपण को नई पहचान दिलाने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उल्लेखनीय प्रयास किए हैं। भट्ट खुद भी अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और नैनीताल जिलों में ऐपण पर काम कर रही बालिकाओं से मिल चुके हैं। 

भट्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री ने ऐपण को प्रोत्साहन देने में खासी रुचि दिखाई है। उन्होंने अपने दफ्तर की नेमप्लेट भी ऐपण में बनवाई है और सभी मंत्रियों व अधिकारियों को ऐसा करने के लिए प्रेरित किया है। अल्मोड़ा में ऐपण प्रदर्शनी के दौरान मुख्यमंत्री कई बालिकाओं से मुलाकात कर चुके हैं, जो ऐपण को अपनी आजीविका से जोड़ रही हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि ऐपण को विश्वव्यापी पहचान दिलाने में ये प्रयास कारगर साबित होंगे।

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