Move to Jagran APP

गंगा में मिल रहे पानी की भी जांची जाएगी शुद्धता

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नौ मुख्य स्थानों से गंगा जल के सैंपल लेकर उनकी शुद्धता जांचता था। ऋषिकेश में दो व हरिद्वार में एक और स्थान से गंगा में बहाए जा रहे पानी की शुद्धता जांचेगा।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 09 Mar 2017 11:58 AM (IST)Updated: Fri, 10 Mar 2017 04:00 AM (IST)
गंगा में मिल रहे पानी की भी जांची जाएगी शुद्धता
गंगा में मिल रहे पानी की भी जांची जाएगी शुद्धता
देहरादून, [हरीश कंडारी]: हाई कोर्ट व नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की सख्ती के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व राज्य पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) गंगा के प्रदूषण को लेकर गंभीर हो गए हैं। अब तक पीसीबी नौ मुख्य स्थानों से गंगा जल के सैंपल लेकर उनकी शुद्धता जांचता था। लेकिन, अब वह ऋषिकेश में दो व हरिद्वार में एक और स्थान से ट्रीटमेंट होकर गंगा में बहाए जा रहे पानी की शुद्धता जांचेगा। इसके साथ ही पीसीबी ने सात अन्य नए स्थान भी चिह्नित किए हैं। जहां से अब गंगा जल के नमूने एकत्रित कर उनकी जांच की जाएगी।
विदित हो कि गंगा में प्रदूषण को लेकर एनजीटी के साथ ही हाई कोर्ट भी काफी सख्त है। दोनों गंगा के किनारे बने होटल, उद्योग आदि को बंद करने के आदेश दे चुके हैं और अन्य में प्रदूषण रोकने के लिए उचित प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी कड़ी में अब केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देश पर नमूने एकत्रित करने के लिए स्टेशनों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी की गई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अब तक गोमुख से हरिद्वार तक महीने में एक बार नौ स्टेशनों से प्रदूषण के आंकड़े जुटाता है। इसके लिए एक स्टेशन गंगा प्रवाह के मुख्य स्थान गोमुख, तीन-तीन देवप्रयाग व रुद्रप्रयाग और एक-एक ऋषिकेश व हरिद्वार में बनाए गए हैं।
अब तक इन्हीं प्वांइट से पानी के सैंपल लेने के बाद बोर्ड रिपोर्ट तैयार कर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजता है। लेकिन, अब ऋषिकेश और हरिद्वार में सात और स्टेशन चिह्नित किए गए हैं। इनमें से तीन स्टेशनों ऋषिकेश के स्वर्गाश्रम व लक्कड़घाट और हरिद्वार के जगजीतपुर में गंगा में मिलने वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पानी की शुद्धता की भी जांची जाएगी।
इन सात स्टेशनों के साथ ही अब पीसीबी गोमुख से हरिद्वार तक कुल 16 स्टेशनों से गंगा जल के नमूने एकत्रित कर उनकी शुद्धता की जांच करेगा। पीसीबी के वैज्ञानिक अधिकारी अमरजीत सिंह ने बताया कि पीसीबी ने इन स्टेशनों से नमूने एकत्रित करने शुरू कर दिए हैं। 
ये नए स्टेशन किए गए हैं शामिल
स्वर्गाश्रम (ऋषिकेश), लक्कड़घाट (ऋषिकेश), जगजीतपुर (हरिद्वार), बिंदुघाट (हरिद्वार), ललताराव ब्रिज (हरिद्वार), डामकोटी (हरिद्वार) और ऋषिकेश में एक अन्य स्थान। 
यह हैं मानक
मानकों की बात करें तो पीने योग्य पानी में डीओ छह मिलीग्राम प्रति लीटर से ज्यादा, बीओडी दो मिलीग्राम प्रति लीटर से कम व कॉलीफॉर्म एमपीएन प्रति सौ मिली लीटर होना चाहिए। फिलहाल गोमुख से लेकर ऋषिकेश तक तो गंगा का पानी मानकों के हिसाब से है, लेकिन इसके बाद वह पीने लायक नहीं रहता।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.