सहयोग से समाधान: 'पंजाब ज्वेलर्स' ने अपने ग्राहकों की मदद से जीती कोरोनाकाल की जंग
पंजाब ज्वेलर्स के मालिक रजनीश का मानना है कि वक्त के साथ बदलने वाला इंसान ही आज के समय में सफल हो सकता है। यही चीज किसी कारोबार पर भी लागू होती है। आधुनिक समय में हम पुराने तौर-तरीकों और तकनीकी मदद से कारोबार में सफल नहीं हो सकते।
देहरादून, आयुष शर्मा। कारोबार की सफलता के लिए समय की मांग को समझना बहुत जरूरी है, जो व्यक्ति समय के साथ चलता है वही विपरीत समय में आगे बढ़ पाता है। 'पंजाब ज्वेलर्स' के मालिक रजनीश वर्मा का भी यही मानना है कि वक्त के साथ बदलने वाला इंसान ही आज के समय में सफल हो सकता है। यही चीज किसी कारोबार पर भी लागू होती है। आज आधुनिक समय में हम पुराने तौर-तरीकों और तकनीकी मदद से कारोबार में सफल नहीं हो सकते। कोरोना से पैदा हुई मुश्किल की इस घड़ी में भी यही मंत्र काम आया है और समय के साथ चलने की रणनीति ने ही कारोबार को कोरोना से उबारने में मदद भी की। रजनीश वर्मा बताते हैं कि उनकी चार पुश्तें पंजाब ज्वेलर्स को इस मुकाम तक पहुंचाने में सफल रही हैं। आगे भी वह उपभोक्ताओं का ऐसे ही ख्याल रखना चाहते हैं।
1946 में छोटी दुकान से शुरू हुआ सफर
रजनीश वर्मा बताते हैं कि उनके दादा सेठ स्वामी दास ने साल 1946 में देहरादून में 'पंजाब ज्वेलर्स' की नींव रखी थी। 15 राजपुर रोड पर एक छोटी सी दुकान से उन्होंने आभूषण बनाने और बेचने की शुरुआत देहरादून में की। बस फिर धीरे-धीरे समय के साथ दुकान में और ज्वेलरी में जरूरी बदलाव करते गए। इसी की बदौलत आज क्वालिटी कॉम्प्लेक्स में एक बड़ा शोरूम खड़ा कर सके। रजनीश का मानना है कि गहने केवल दिखावट या साज-सज्जा के लिए नहीं होते बल्कि यह हमारे व्यक्तित्व की पहचान भी होते हैं। एक व्यक्ति की गहने खरीदने की प्रवृत्ति और पसंद से एक खरा व्यापारी उसके व्यक्तित्व को समझने की शक्ति रखता है।
समाधान 1: लंबे समय तक व्यापार में रहा घाटा
रजनीश बताते हैं कि कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से पहले दुकान के इंटीरियर व बाहर के डिजाइन को और बेहतर करने की तैयारी थी। जिसपर अब अनलॉक लागू होने के बाद काम शुरू हो सका। रजनीश वर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लागू हुए लॉकडाउन से मांग में भारी कमी आई और अनिश्चितता ने बाजार में भारी गिरावट ला दी, जिसके कारण लंबे समय तक व्यापार में घाटा रहा।
(रजनीश वर्मा पंजाब ज्वेलर्स के मालिक)
समाधान 2: शुरू हुई होम डिलीवरी की सुविधा
रजनीश बताते हैं कि अब ग्राहक पंजाब ज्वेलर्स की कोई भी ज्वेलरी उनकी वेबसाइट पर ऑनलाइन देख सकते हैं। इसके साथ ही होम डिलीवरी की सुविधा भी शुरू की गई है, जिससे जो लोग बाजार आने से बच रहे हैं या उम्र दराज हो गए हैं उन्हें भी उनके गहने तय समय पर पहुंचाए जा सके।
समाधान 3: कर्मचारियों का मिला पूरा सहयोग
रजनीश का कहना है कि कि कोरोना संकट में उनके शोरूम के कर्मचारियों का भी पूरा सहयोग उन्हें मिला। कई उपभोक्ताओं के ऑर्डर बहुत कम समय में उनके कार्यक्रमों में तैयार करके दिए। रजनीश कहते हैं कि उनके कर्मचारी ही उनकी असली ताकत है। अगर वह लोग नहीं होते तो उपभोक्ताओं के बीच और बाजार में आज उनकी पहचान नहीं होती।
समाधान 4: सफलता का राज, हर राज्य के कारीगर यहां करते हैं काम
रजनीश ने बताया कि पंजाब ज्वेलर्स की सफलता के पीछे एक बड़ा राज यह भी है की वह ज्यादा से ज्यादा उपभोक्ताओं तक पहुंच बनाने के लिए हर राज्य के कारीगर अपने पास रखते हैं। उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली, बंगाल गुजरात से लेकर दक्षिण भारत के राज्यों के कारीगर उनके पास है। ऐसा करने से हर राज्य के गहने उनके पास उपलब्ध हो जाते हैं।
समाधान 5: कारीगर और कर्मचारियों और उपभोक्ताओं की सुरक्षा पर फोकस
उनका कहना है कि अभी कोरोना वायरस का खतरा टला नहीं है। इसलिए अपने कारीगरों, कर्मचारियों और उपभोक्ताओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए उन्होंने शोरूम पर सभी एहतियात बरते हैं। उपभोक्ताओं को मास्क, ग्ल्व्स, सैनिटाइजर उपलब्ध करवाए जाते हैं। यही सारी फैसिलिटी कर्मचारियों और कारीगरों के लिए भी है।
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