फुटबाल की दशा सुधारने को किया अनशन
गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान मंच पूर्णकालिक व स्थायी राजधानी क
जागरण संवाददाता, देहरादून : गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान मंच पूर्णकालिक व स्थायी राजधानी की मांग को लेकर पिछले 87 दिनों से आंदोलनरत है और परेड ग्राउंड में धरना दे रहे हैं। बुधवार को उत्तराखंड राज्य खेल की दुर्दशा को लेकर फुटबॉल के राष्ट्रीय कोच ने मंच के सदस्यों से मुलाकात की और एक दिवसीय अनशन व धरना दिया। इस मौके पर मंच सदस्यों ने कोच को अपना समर्थन भी दिया।
फुटबॉल के राष्ट्रीय कोच, क्लास वन रेफरी, मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स (फुटबॉल) अवार्ड आदि से सम्मानित वीरेंद्र सिंह रावत ने एक दिन का अनशन और धरना दिया। वीरेंद्र सिंह रावत द्वारा किए गए अनशन को 13 जिलों से आए खिलाड़ी, कोच, रेफरी और फुटबॉल खेल प्रेमियों ने समर्थन दिया। प्रदेश में फुटबॉल खेल की दुर्दशा पर वीरेंद्र सिंह ने कहा कि उत्तराखंड में 18 साल से फुटबॉल के खेल की वही उपेक्षा हो रही है जैसे कि राजधानी गैरसैंण की। प्रदेश में जितनी भी सरकार आई हैं, उन्होंने राज्य खेल पर ध्यान नहीं दिया। 2018 मे केंद्र सरकार ने स्पोर्ट्स कोड को लागू किया है। जिसको उत्तराखंड में भी सर्वसम्मति से पारित किया, लेकिन दुर्भाग्य है कि सरकार और खेल विभाग इसमें रुचि नहीं दिखा रहे हैं। स्पोर्ट्स कोड लागू होने के बावजूद पूर्व में उत्तराखंड स्टेट फुटबॉल एसोसिएशन के सचिव का इस्तीफा नहीं लिया गया। राज्य में तीन स्टेट एसोसिएशन चल रही हैं। जिससे खिलाड़ी, कोच, रेफरी सब संशय में हैं। सरकार बताए कि प्रदेश में इस खेल का भविष्य क्या है। अनशन पर बैठने वालों में वीरेंद्र सिंह रावत, उत्तरकाशी से प्रकाश रोनी व चमोली जिला से एमएम भंडारी शामिल रहे। उनको समर्थन देने वालों में धनीराम बिंजोला, डीएस बिष्ट, राहुल रावत, सूरज नेगी, जीतेंद्र पंवार, पुरुषोत्तम भट्ट आदि मौजूद रहे।