पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने को निकाला मशाल जुलूस
बिना आरक्षण पदोन्नति प्रक्रिया बहाल करने की मांग को लेकर बुधवार शाम प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर जनरल-ओबीसी कर्मचारी एक बार फिर सड़क पर उतरे। इस दौरान उन्होंने मशाल जुलूस निकाला और कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा का पुतला भी फूंका।
जागरण संवाददाता, देहरादून : बिना आरक्षण पदोन्नति प्रक्रिया बहाल करने की मांग को लेकर बुधवार शाम प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर जनरल-ओबीसी कर्मचारी एक बार फिर सड़क पर उतरे। इस दौरान उन्होंने मशाल जुलूस निकाला और कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा का पुतला भी फूंका। कर्मचारी नेताओं ने सरकार पर उनके हितों की अनदेखी का आरोप लगाया और दो मार्च से प्रदेश में बेमियादी हड़ताल पर जाने व पांच से सभी आवश्यक सेवाएं ठप करने की चेतावनी दी।
देहरादून में बड़ी संख्या में जनरल-ओबीसी कर्मचारी बुधवार शाम साढ़े पांच बजे गांधी पार्क के सामने एकत्रित हुए। यहां से उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इम्प्लाइज एसोसिएशन के बैनर तले मशाल जुलूस निकाला गया। सरकार और पदोन्नति में आरक्षण के समर्थन में बयान दे रहे नेताओं के खिलाफ नारेबाजी करते हुए घंटाघर पहुंचे। यहां कांग्रेस राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा का पुतला फूंका। एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि सरकार ने प्रदेश में पदोन्नति पर सितंबर महीने से रोक लगा रखी है। इसे लेकर कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने बीती सात फरवरी को फैसला सुनाते हुए स्पष्ट कहा कि पदोन्नति में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है। राज्य सरकार को तय करना है कि वह पदोन्नति में आरक्षण देने पर निर्णय ले। जब आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है तो सरकार को पदोन्नति बहाल कर देनी चाहिए। लेकिन सरकार इसे लेकर राजनीति कर रही है। इस वजह से बीते कुछ महीनों में तमाम अधिकारी-कर्मचारी बिना पदोन्नति पाए सेवानिवृत्त हो गए। इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है। प्रांतीय महासचिव वीरेंद्र सिंह गुसाई ने कहा कि अभी भी सरकार के पास चार दिन का वक्त है। यदि इस बीच बिना आरक्षण पदोन्नति बहाल नहीं होती है तो दो मार्च से प्रदेश में बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी जाएगी।
गढ़वाली परंपरा से निकाला जुलूस
गांधी पार्क से मशाल जुलूस गढ़वाली परंपरा के साथ निकाला गया। जुलूस के आगे लाल रंग का झंडा और पीछे सफेद रंग का झंडा लेकर कर्मचारी घंटाघर पहुंचे।
दोपहर बाद ठप रहा कामकाज
अधिकांश जनरल-ओबीसी कर्मचारी मशाल जुलूस में शामिल होने के लिए भोजनावकाश के बाद ही दफ्तरों से निकल गए। इसके चलते देहरादून स्थित सचिवालय समेत प्रदेश के कई जनपदों के राजकीय दफ्तरों में दोपहर बाद कामकाज ठप रहा।