Move to Jagran APP

कार्य बहिष्कार कर सड़क पर उतरे सवा लाख कर्मचारी

पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में शुक्रवार को प्रदेश भर में जनरल-ओबीसी वर्ग के करीब सवा लाख कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 06:12 AM (IST)
कार्य बहिष्कार कर सड़क पर उतरे सवा लाख कर्मचारी
कार्य बहिष्कार कर सड़क पर उतरे सवा लाख कर्मचारी

जागरण संवाददाता, देहरादून : पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में शुक्रवार को प्रदेश भर में जनरल-ओबीसी वर्ग के करीब सवा लाख कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के सात दिन बाद भी बिना आरक्षण पदोन्नति बहाल न होने पर आक्रोश जताते हुए कर्मचारी जिलों में सड़कों पर उतरे और सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया।

loksabha election banner

देहरादून में बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने सचिवालय कूच कर ताकत दिखाई। कहा कि कर्मचारियों से जुड़े मुद्दे पर राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोपहर में मुख्य सचिव उत्पल कुमार से हुई वार्ता के बेनतीजा रहने पर कर्मचारी नेताओं ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए 20 फरवरी की महारैली में पूरे प्रदेश से कर्मचारियों को देहरादून पहुंचने का आह्वान कर दिया। सामूहिक कार्य बहिष्कार के चलते सचिवालय समेत तमाम सरकारी विभागों में पूरे दिन कामकाज प्रभावित रहा।

उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के आह्वान पर तमाम विभागों के हजारों कर्मचारी दफ्तर न जाकर परेड ग्राउंड पहुंचे। यहां से कतारबद्ध होकर करीब 12 बजे सचिवालय कूच को निकल पड़े। पुलिस ने उन्हें सुभाष रोड पर ही बैरीकेडिंग कर रोक लिया। आगे बढ़ने को लेकर कर्मचारियों की पुलिस से हल्की धक्का-मुक्की भी हुई। इस पर कर्मचारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि सात फरवरी को आए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि पदोन्नति में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है। यह राज्य सरकार पर निर्भर करता है कि वह लागू करे या न करे। प्रांतीय महासचिव वीरेंद्र सिंह गुसाई ने कहा कि इस लड़ाई को हम जितना आसान मान रहे थे, उतनी है नहीं। चूंकि सरकार की ओर से आरक्षण के खिलाफ एसएलपी दायर की गई थी, जिससे लग रहा था कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सरकार उनके पक्ष में निर्णय कर देगी। लेकिन अब सरकार राजनीति कर रही है। फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कोठारी, पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह पंवार, महामंत्री पंचम सिंह बिष्ट, अखिल भारतीय समानता मंच के राष्ट्रीय महासचिव वीपी नौटियाल, राजकीय वाहन चालक संघ के प्रदेश महामंत्री संदीप मौर्य व अन्य संगठनों के नेताओं ने कहा कि सरकार कर्मचारियों में मतभेद पैदा कर रही है। इसे राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। यह बर्दाश्त नहीं होगा। सरकार जब तक सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए पदोन्नति प्रक्रिया बहाल नहीं करती और सीधी भर्ती नवीन रोस्टर प्रणाली को यथावत लागू नहीं करती, तब तक आंदोलन जारी रखेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.