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उत्तराखंड: पीएसी में अब पदोन्नति की स्थिति होगी साफ, नियमावली में होगा संशोधन

अब प्रोवेंशियल आर्म्ड कांस्टेबुलेरी (पीएसी) की नियमावली में अब संशोधन किया जा रहा है। इस नियमावली में पीएसी कर्मियों के सामने पदोन्नति को लेकर आ रही दिक्कतों को दूर किया जाएगा। इसके अलावा कार्मिक विभाग की पदोन्नति परित्याग नियमावली को भी इसमें शामिल करने के तैयारी है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 01:28 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 01:28 PM (IST)
उत्तराखंड: पीएसी में अब पदोन्नति की स्थिति होगी साफ, नियमावली में होगा संशोधन
उत्तराखंड: पीएसी में अब पदोन्नति की स्थिति होगी साफ।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। शासन में अब प्रोवेंशियल आर्म्ड कांस्टेबुलेरी (पीएसी) की नियमावली में अब संशोधन किया जा रहा है। इस नियमावली में पीएसी कर्मियों के सामने पदोन्नति को लेकर आ रही दिक्कतों को दूर किया जाएगा। इसके अलावा कार्मिक विभाग की पदोन्नति परित्याग नियमावली को भी इसमें शामिल करने के तैयारी है। यह नियमावली आगामी कैबिनेट की बैठक में रखने की तैयारी है। 

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राज्य गठन के 18 साल बाद अब पुलिस कर्मियों नियमावली बननी शुरू हुई है। इस कड़ी में बीते वर्ष सरकार ने पीएसी की नियमावली बनाई थी। दरअसल, अपनी नियमावली न होने के कारण इनके सेवा संबंधी मामलों के निस्तारण में खासी समस्या आ रही थी। मसलन, इनके तबादलों से लेकर अनुशासनात्मक कार्यवाही और पदोन्नति आदि के मामले विभागीय अधिकारियों की कृपा से ही चल रहे थे। इसे लेकर कर्मचारियों में खासा रोष भी था। ऐसे में पुलिस विभाग ने इनकी नियमावली की पत्रावली शासन को भेजी। 

गृह विभाग व कार्मिक विभाग में लंबे समय तक चले मंथन के बाद नियमावली तैयार की गई। इसमें कर्मचारियों की पदोन्नति से लेकर दंड तक के प्रविधान शामिल किए गए। इसके बाद इसे लागू कर दिया गया। इस नियमावली के लागू होने के बाद भी इसमें कई विसंगति देखी गई। मसलन कर्मचारियों की पदोन्नति और इनके दूसरे संवर्गों में जाने के मामलों के बारे में व्यवस्था नहीं थी। इसे देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने इसका संशोधित प्रस्ताव शासन को भेजा। 

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गृह विभाग ने इस प्रस्ताव का अध्ययन करने के बाद इसे स्वीकृति के लिए कार्मिक और विधायी को भेजा। वहां से से भी इसे मंजूरी मिल गई है। इसे अब अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा गया है। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री कार्यालय से अनुमति मिलने के बाद इसे कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा।

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