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निर्भया फंड से कसेगा साइबर अपराध पर शिकंजा

महिला और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध निवारण पर राज्य पुलिस ने एसटीएफ को कार्रवाई की जिम्मेदारी दी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 03:00 AM (IST)
निर्भया फंड से कसेगा साइबर अपराध पर शिकंजा

जागरण संवाददाता, देहरादून: महिला और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध निवारण पर राज्य पुलिस ने एसटीएफ को कार्रवाई करने की जिम्मेदारी दी है। इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने एसटीएफ के एसएसपी को नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। एसटीएफ ने इस प्रोजेक्ट में बाल अपराधों से जुड़ी पांच शिकायतें शामिल कर दी हैं। इसके अलावा महिला और बच्चों से संबंधित ऑनलाइन अश्लील सामग्री एवं बाल यौन उत्पीड़न जैसे अपराधों पर नजर रखने को पहल शुरू कर दी है। इस प्रोजेक्ट के लिए निर्भया फंड से बजट स्वीकृत किया गया है।

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गृह मंत्रालय ने महिला और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध की रोकथाम पर हाल ही में सीसीपीडब्ल्यूसी यानि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध निवारण प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसके तहत प्रत्येक राज्य पुलिस को बाल अश्लीलता, बाल यौन दु‌र्व्यवहार सामग्री, दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, अश्लील सामग्री, ऑनलाइन वीडियो, फोटो प्रसारण जैसे अपराधों को शामिल किया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि यदि कोई भी व्यक्ति महिला और बच्चों के खिलाफ ऑनलाइन साइबर क्राइम करता है तो उसके खिलाफ सीसीपीडब्ल्यूसी के तहत त्वरित कार्रवाई होगी। इसकी मॉनिट¨रग की जिम्मेदारी एसटीएफ के एसएसपी ब¨रद्रजीत सिंह को सौंपी गई है। खासकर पोर्न वीडियो चलाने वाली वेबसाइट्स पर भी नजर रखी जाएगी कि कहीं महिला और बच्चों के यौन शोषण या अश्लील वीडियो तो नहीं चलाए जा रहे हैं। राज्य में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट पर निर्भया फंड से बजट खर्च किया जाएगा। इसके लिए एसटीएफ को जल्द आवंटित किया जाएगा।

यह रहेंगे अधिकार

बाल अपराधों से जुड़े मामले में अज्ञात रूप से रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं। इसमें नाम और पता गोपनीय रखा जाएगा। इसके अलावा बाल अश्लीलता, दुष्कर्म और अश्लील सामग्री परोसने वाली शिकायतें दर्ज की जा सकती हैं। इसके लिए टोल फ्री नंबर 155260 पर भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।

ये होगी कार्रवाई

पोर्टल पर दी जानी वाली शिकायतों का संज्ञान हर माह राज्य प्राधिकरणों द्वारा लिया जाएगा। संज्ञेय अपराध के मामले में संबंधित पुलिस स्टेशन को मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करनी होगी। इसकी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भी भेजी जाएगी।


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