निजी बीएड कॉलेजों में अब उपस्थिति अनिवार्य
नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) की बीएड पाठ्यक्रम को लेकर नई गाइडलाइन जारी होने के बाद से निजी बीएड कॉलेजों में भी हलचल पैदा हो गई है।
जागरण संवाददाता, देहरादून : नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) की बीएड पाठ्यक्रम को लेकर नई गाइडलाइन जारी होने के बाद से निजी बीएड कॉलेजों में भी हलचल पैदा हो गई है। खास कर छात्र और शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर जारी किए गए नियम पर कॉलेज भी सख्त हो गए हैं। प्रदेश के निजी कॉलेजों ने एक मुश्त इस सत्र से छात्रों के लिए उपस्थिति अनिवार्य कर दी है।
शनिवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल ने बताया कि बीएड कॉलेजों ने नए सत्र से नियमों में सख्ती करना तय किया है। एनसीटीई के निर्देश के बाद हर कॉलेज में उपस्थिति के लिए बॉयोमैट्रिक मशीन लगना तय हुआ है। साथ ही केवल उन्हीं छात्रों को दाखिला देना तय हुआ है, जो न्यूनतम 80 फीसद उपस्थिति के नियम को पूरा कर सकें। शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर भी सख्ती अपनाई जा रही है।
मेरिट के आधार पर होगा दाखिला
गढ़वाल विवि और श्रीदेव सुमन विवि दोनों में ही बीएड पाठ्यक्रम में दाखिलों की प्रक्रिया शुरू हो गई है। गढ़वाल विवि ने कई साल बाद बीएड को रेगुलाइज करने के लिए अपने मुख्य कैंपस के साथ ही प्रदेश के अन्य कॉलेजों को काउंसिलिंग करना तय किया है। इसके लिए विवि ने सभी कॉलेजों को सर्कुलर भी जारी कर दिया है। इसके तहत हर कॉलेज को पहले विज्ञापन निकालना होगा। इसके बाद आवेदन लिए जाएंगे। आवेदन के आधार पर हर कॉलेज मेरिट तैयार करेगा। इस मेरिट के आधार पर ही छात्रों को दाखिला दिया जाएगा। इसके लिए विवि ने कॉलेजों को 18 अगस्त तक का समय दिया है। अग्रवाल ने बताया कि इस सत्र में गढ़वाल विवि ने सितंबर के पहले हफ्ते से किसी भी हाल में पढ़ाई शुरू करने के निर्देश भी जारी किए हैं।
मान्यता को परेशान श्रीदेव सुमन विवि के कॉलेज
श्रीदेव सुमन विवि से संबद्ध कई निजी बीएड कॉलेज लंबे समय से मान्यता को लेकर परेशान हैं। विवि ने लंबे समय से कॉलेजों को मान्यता नहीं दी। एसोसिएशन ने विवि से कॉलेजों को मान्यता देने की मांग की है। अग्रवाल ने बताया कि कॉलेज लंबे समय से विवि से मांग कर रहे हैं, लेकिन विवि सकारात्मक कदम नहीं उठा रहा। साथ ही गढ़वाल विवि ने अब तक कई कॉलेजों के एनआरआइ कोटे के छात्रों के परिणाम भी जारी नहीं किए। एसोसिएशन ने विवि से परिणाम जारी करने की मांग भी की है।
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