शर्म नहीं गर्व का विषय है मासिक चक्र: स्वामी चिदानंद
जागरण संवाददाता ऋषिकेश महिलाओं को मासिक धर्म स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए पदया
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :
महिलाओं को मासिक धर्म स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए पदयात्रा पर निकली हापुड़ निवासी स्नेहा व सुमन मंगलवार को परमार्थ निकेतन पहुंचीं। उन्होंने परमार्थ के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती और जीवा की अंतरराष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती से मुलाकात कर विभिन्न विषयों पर चर्चा की। इस दौरान स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि संसार के जीवन चक्र को आगे बढ़ाने में जिस मासिक चक्र का अहम योगदान है, वह शर्म का नहीं गर्व का विषय है। यह एक नन्हीं सी बेटी को ईश्वर का दिया उपहार है, जिसके माध्यम से वह नियंता के द्वारा बनायी इस सृष्टि में अपना भी योगदान दे पायेगी।
मंगलवार को परमार्थ निकेतन में महिला सशक्तिकरण को लेकर एक अनोखा कार्य देखने को मिला। हापुड़, उत्तर प्रदेश से पहुंची स्नेहा व सुमन ने बताया कि वो दोनों अपने गांव में सेनेटरी पैड बनाने का कार्य करती हैं। बताया कि उन्होंने गांव के लोगों को पैड बनाने के लिए प्रेरित किया। अब छह महिलाओं का दल प्रतिदिन लगभग छह हजार पैड बनाते हैं। उनका नेटवर्क अभी 40 गांवों में फैल चुका है। जहां पर वे अपने द्वारा बनाये पैड वितरण करती हैं। इस दौरान सच्ची सहेली के साथ गंगा एक्शन परिवार, परमार्थ निकेतन और डिवाइन शक्ति फाउंडेशन के साथ मिलकर इस कार्य को आगे ले जाने पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि पूरे भारत में सेनेटरी पैड यात्रा को ले जाना, पैड मशीन के लगाने हेतु प्रेरित करना और मासिक धर्म के प्रति जागरूकता फैलाना उनका लक्ष्य है।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि पैड यात्रा कश्मीर से कन्याकुमारी और ऋषिकेश से राष्ट्रपति भवन तक की यात्रा है। कहा कि मासिक धर्म के विषय में सबसे पहले माताओं को अपनी झिझक से बाहर आकर चुप्पी तोड़नी होगी। इस पर अपनी बेटियों से खुलकर बात करनी होगी। इस दौरान स्वामी और साध्वी के साथ सुमन, स्नेहा, सुभाष और अन्य श्रद्धालुओं ने विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया।