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उच्च शिक्षा व कॉलेजों को है मुखिया का इंतजार

राज्य ब्यूरो, देहरादून उच्च शिक्षा में स्थायी मुखिया की नियुक्ति हो या सरकारी डिग्री कॉलेज में प्र

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 09:46 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 06:30 AM (IST)
उच्च शिक्षा व कॉलेजों को  है मुखिया का इंतजार
उच्च शिक्षा व कॉलेजों को है मुखिया का इंतजार

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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उच्च शिक्षा में स्थायी मुखिया की नियुक्ति हो या सरकारी डिग्री कॉलेज में प्राचार्य अथवा सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य की तैनाती हो, इसके लिए 27 मई तक इंतजार करना होगा। उक्त तारीख यानी करीब सवा महीने बाद चुनाव आचार संहिता हटने के बाद ही उक्त पदों पर डीपीसी की कार्यवाही हो सकेगी।

प्रदेश में उच्च शिक्षा निदेशालय में निदेशक का पद रिक्त है। डा बीसी मेलकानी के सेवानिवृत्त होने के बाद दो माह से यह पद रिक्त चल रहा है। इस पद पर बतौर प्रभारी निदेशक डॉ एससी पंत कार्यरत हैं। निदेशक पद पर डीपीसी से स्थायी नियुक्ति होनी है। वहीं प्रदेश में फिलवक्त एक दर्जन सरकारी डिग्री कॉलेजों में प्राचार्य के पद रिक्त हैं। इन पदों के लिए जून माह तक डीपीसी हो चुकी है, लेकिन डीपीसी में वरिष्ठता के मुताबिक प्राचार्यो का चयन लोकसभा चुनाव के लिए लगी आचार संहिता हटने के बाद ही होगा। उच्च शिक्षा प्रभारी निदेशक डॉ एससी पंत का कहना है कि नए प्राचार्यो की तैनाती के लिए चुनाव आचार संहिता हटने के बाद शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा।

कमोबेश यही इंतजार राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्यो और राजकीय हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए करना होगा। प्रदेश में वर्तमान में 710 इंटर कॉलेजों और 402 हाईस्कूलों में स्थायी मुखिया नहीं हैं। राजकीय प्रधानाचार्य एसोसिएशन के अध्यक्ष एसएस बिष्ट का कहना है कि वर्ष 2016 के बाद से अब तक प्रधानाचार्य के रिक्त पदों की पूर्ति के लिए पदोन्नति नहीं हो सकी है। एसोसिएशन इस संबंध में लगातार मांग कर रही है। दरअसल, इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य पद के लिए पांच वर्ष तक बतौर प्रधानाध्यापक कार्यरत होने की पात्रता पूरी करना आवश्यक है। पात्रता के इस दायरे में अभी प्रधानाचार्य नहीं आ रहे हैं। लिहाजा विभाग की ओर से शिथिलता देने के संबंध में प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, लेकिन इस प्रस्ताव पर भी फैसला आचार संहिता हटने के बाद ही संभव होगा।


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