19 जून को होगी क्लैट, अंत समय में परखें अपनी तैयारी; इन बातों का रखें ध्यान
क्लैट परीक्षा 19 जून को होगी। हर साल लाखों अभ्यर्थी परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं। ऐसे में आवश्यक है कि अंत समय में तैयारी परख ली जाए। परीक्षा से पहले अपनी स्पीड में सुधार लाने के लिए मॉक टेस्ट करें। टाइम मैनेजमेंट की बेहतर करें।
जागरण संवाददाता, देहरादून। ला में करियर बनाने को लेकर युवाओं में एक विशेष आकर्षण होता है। आप अगर अच्छे संस्थान से पढ़ाई कर विधि क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं तो क्लैट एक अच्छा विकल्प है। क्लैट का आयोजन 19 जून को होगा। ऐसे में अब परीक्षा को कुछ ही दिन बचे हैं। यह आवश्यक है कि अंत समय में तैयारी परख ली जाए।
ला प्रेप दून के निदेशक एसएन उपाध्याय के अनुसार न्यायपालिका एक जिम्मेदारी भरा पेशा है, जहां आपकी एक दलील, एक निर्णय व्यक्ति की पूरी जिंदगी बदल सकता है। लिहाजा जरूरी है कि इस क्षेत्र को बतौर पेशा अपनाने वाले युवा इसकी गंभीरता को समझने वाले हों, इसकी जिम्मेदारी उठा सकने लायक क्षमता रखते हों।
इन्हीं सबके मद्देनजर क्लैट का प्रारूप कुछ ऐसे डिजाइन किया गया है कि अभ्यर्थियों की पक्की परख की जा सके, जिसमें गणित, अंग्रेजी, जनरल नालेज, लीगल एप्टीट्यूड, लाजिकल रीजनिंग से जुडे प्रश्न पूछे जाते हैं।
क्लैट में कामयाबी के लिए आपको सही मायने में सधी हुई रणनीति की दरकार होती है। इस परीक्षा में सफलता के लिए योजनाबद्ध ढंग से तैयारी की जरूरत है। सबसे ज्यादा जरूरत है बारीकी से सिलेबस समझने की।
अंग्रेजी की समझ, सामान्य ज्ञान एवं सामयिकी, गणित (10वीं कक्षा की), कानूनी एप्टीट्यूड एवं तार्किक विचार पर ध्यान देना जरूरी है। वहीं, पीजी में संविधानिक कानून, न्यायशास्र एवं अन्य कानून से संबंधित विषयों से प्रश्न पत्र तैयार किया जाएगा। परीक्षा के लिए रोजाना सामान्य ज्ञान एवं सामयिकी विषयों को पढ़ें।
छात्र खुद को नवीनतम घटनाओं से परिचित रखें। परीक्षा के प्रारूप एवं प्रश्नों के तरीकों को जानने के लिए पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को अवश्य देखें। परीक्षा से पहले अपनी स्पीड में सुधार लाने के लिए माक टेस्ट करें। टाइम मैनेजमेंट की बेहतर करें।
निरंतरता है जीत की शर्त
क्लैट में बेहतर स्कोर करने के लिए जरूरी है कि आप अपनी पढ़ाई को एक निश्चित लय प्रदान करें। थोडा-थोडा पढ़ें, लेकिन नियमित पढ़ें। प्रत्येक टापिक को तय समय दें और जिस क्षेत्र में कमजोर हों, उसको दूसरे विषयों से ज्यादा वक्त दें।
करना होगा योजनाबद्ध प्रयास
कहा गया है कि एक जगह की गई कड़ी मेहनत बेहतर फल देती है। योजनाबद्ध पद्धति से न केवल आप पूरे सिलेबस को अपने नियंत्रण में रख सकते हैं, बल्कि बेहतर मेरिट भी पा सकते हैं।
तराशिए अपना ज्ञान
सफल वही है जो अपने मजबूत व कमजोर दोनों पक्षों पर बराबर नजर रखें। वकालत की परीक्षा में आपसे ऐसी ही दृष्टि की अपेक्षा की जाती है। यानि आप जिन सेक्शन्स में बेहतर कर सकते हैं उन्हें और तराशिए और कमजोर पक्षों को इस लायक बनाएं कि वे आपकी शानदार मेरिट में बाधक न बने।
धारदार स्किल्स हैं सहायक
इस क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन के लिए आपको कुछ खास तरह की स्किल्स की भी आवश्यकता पडेगी। इन पर यदि एक बार पकड़ बना ली तो समझिए आधा सफर तय। इनमें तार्किक क्षमताएं सोशल अप्रोच, सटीक कम्युनिकेशन, रीडिंग हैबिट्स, बदलावों के प्रति जागरुकता आदि काबिले गौर हैं।