प्रसव पीड़िता को समय पर नहीं मिला उपचार, रास्ते में ही तोड़ा दम
सड़क व स्वास्थ्य सुविधा की कमी आज भी पहाड़ों में बड़ी समस्या है। कई बार इस तरह की समस्या के चलते व्यक्तियोंं की जान तक चली जाती है। सीमांत क्षेत्र की एक प्रसव पीड़िता ने समय पर उपचार नहीं मिलने के रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
विकासनगर, जेएनएन। सड़क व स्वास्थ्य सुविधा की कमी आज भी पहाड़ों में बड़ी समस्या है। कई बार इस तरह की समस्या के चलते व्यक्तियोंं की जान तक चली जाती है। सीमांत क्षेत्र की एक प्रसव पीड़िता ने समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण त्यूणी अस्पताल से रोहडू व हायर सेंटर शिमला ले जाते समय रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
जानकारी के अनुसार जौनसार-बावर के पर्यटन स्थल ग्राम हनोल से सटे जनपद उत्तरकाशी के सीमावर्ती बंगाण क्षेत्र के देवती गांव निवासी गर्भवती महिला किरण को प्रसव पीड़ा होने पर बुधवार को स्वजन उसे डंडी-कंडी के सहारे जंगल के पैदल रास्ते आठ किमी दूर किसी तरह हनोल लाए। यहां से एंबुलेंस के जरिए नजदीकी राजकीय अस्पताल त्यूणी ले गए। जहां प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. नरेंद्र राणा ने प्रसव पीड़िता की हालत नाजुक होने पर उसे नजदीकी हायर सेंटर हिमाचल के रोहडू अस्पताल के लिए रेफर किया। रोहड़ू से चिकित्सकों ने प्रसव पीड़िता को हायर सेंटर शिमला के लिए रेफर किया।
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इस दौरान महिला ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। प्रसव पीड़िता की मौत के बाद गमगीन स्वजन शव को लेकर गुरुवार सुबह वापस हनोल से ठडियार गांव लौटे। स्थानीय ग्रामीणों ने कहा सड़क व स्वास्थ्य सेवा की कमी से प्रसव पीड़िता को अपनी जान गंवानी पड़ी। बता दें हनोल से सटे बंगाल क्षेत्र के देवती पंचायत के लिए सड़क सुविधा नहीं होने से ग्रामीणों को आठ किमी की खड़ी चढ़ाई नापनी पड़ती है।
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