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सीबीआइ-आरबीआइ की स्वायत्ता छीन रही सरकार: प्रशांत भूषण

प्रसिद्ध अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि केंद्र सरकार सीबीआइ और आरबीआइ जैसी संस्थाओं की स्वायत्ता छीन रही है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 20 Dec 2018 06:28 PM (IST)Updated: Thu, 20 Dec 2018 09:56 PM (IST)
सीबीआइ-आरबीआइ की स्वायत्ता छीन रही सरकार: प्रशांत भूषण
सीबीआइ-आरबीआइ की स्वायत्ता छीन रही सरकार: प्रशांत भूषण

देहरादून, जेएनएन। प्रसिद्ध अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि केंद्र सरकार सीबीआइ और आरबीआइ जैसी संस्थाओं की स्वायत्ता छीन रही है। मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने जेएनयू समेत तमाम शिक्षण संस्थानों में सरकार का हस्तक्षेप बढ़ रहा है।

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गुरुवार को देहरादून में एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे प्रशांत भूषण मीडिया से बातचीत कर रहे थे। केंद्र सरकार को अलोकतांत्रिक करार देते हुए उन्होंने कहा कि आज देश में किसान आत्म हत्या कर रहा है, युवा बेरोजगार है और महिलाएं सुरक्षित नहीं है। इन हालात में भी केंद्र सरकार गंभीर समस्याओं के बजाय धार्मिक एवं जातिवाद जैसे मुद्दों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि आज शिक्षण संस्थानों में छात्र सार्वजनिक बहस नहीं कर पा रहे। कहा कि यह स्थिति लोकतंत्र के लिए हितकर नहीं है।

मोदी सरकार की जीरो टोलरेंस नीति पर प्रशांत भूषण ने कहा कि प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार पर खुलकर बोलने वालों को बर्दाश्त नहीं कर रहे। राफेल प्रकरण इसका ताजा उदाहरण है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने राफेल मामले में न्यायालय में साक्ष्य को गलत तरीके से पेश किया,।जबकि वास्तविकता कुछ और ही है। 

देश की न्याय प्रणाली में सुधार की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि  आज अदालतें देश के 80 फीसद नागरिकों की अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर पा रही हैं। उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय में वकीलों की फीस इतनी ज्यादा है कि आम आदमी चाहकर भी वहां नहीं पहुंच पाता है। उन्होंने कहा कि न्यायालय की भाषा व प्रक्रिया भी बेहद जटिल है। इसे सरल बनाने की जरूरत है।

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