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बिजली कर्मियों के साथ हुई बैठक में ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत हुए भावुक

बीते रोज मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बिजली कर्मियों के साथ बैठक हुई। इस दौरान ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत भावुक हो गए। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि वह ऊर्जा निगमों और समस्त कार्मिकों को परिवार मानते हैं पर कर्मचारियों ने उनकी बात का मान नहीं रखा।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 06 Oct 2021 12:11 PM (IST)Updated: Wed, 06 Oct 2021 12:11 PM (IST)
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बिजली कर्मियों के साथ हुई बैठक में ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत भावुक हो गए।

जागरण संवाददाता, देहरादून। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बिजली कर्मियों के साथ हुई बैठक में ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत भावुक हो गए। उन्होंने कार्मिकों के साथ बीते एक अक्टूबर को हुई बैठक में आश्वासन देने के बावजूद कर्मचारियों के आंदोलन पर डटे रहने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि ऊर्जा मंत्री होने के नाते वे ऊर्जा निगमों और समस्त कार्मिकों को अपना परिवार मानते हैं, लेकिन कर्मचारियों ने उनकी बात का मान नहीं रखा। उन्होंने पूर्व में हड़ताल स्थगित करने का आग्रह किया था, लेकिन कार्मिक नहीं माने। इस दौरान ऊर्जा मंत्री की आंखें नम हो गई। बहरहाल उन्होंने आश्वासन के बाद हड़ताल स्थगित होने पर संतोष जताया।

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वार्ता में इन बिंदुओं पर बनी सहमति

  • 22 दिसंबर 2017 को ऊर्जा निगमों के समस्त कार्मिकों संगठनों-एसोसिएशनों के साथ हुई बैठक के कार्यवृत्त के क्रम में वर्तमान और पूर्व कार्मिकों की सेवा शर्तों में प्रतिकूल परिवर्तन न करते हुए तीनों निगमों में 31 दिसंबर 2016 तक लागू एसीपी की व्यवस्था की मांग पर मुख्यमंत्री ने शीघ्र सकारात्मक निर्णय लेने का विश्वास दिलाया।
  • वर्तमान तक नियुक्त सभी कार्मिकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ की मांग पर पेंशन उपसमिति के समक्ष मामला रखे जाने और कार्रवाई का आश्वासन दिया।
  • ऊर्जा के तीनों निगमों में उपनल के माध्यम से कार्यरत संविदा कार्मिकों को नियमित करने और समान कार्य समान वेतन की मांग पर सभी संविदा कार्मिकों को विशेष ऊर्जा भत्ता देने का आश्वासन दिया।
  • नवनियुक्त सहायक अभियंताओं, अवर अभियंताओं एवं तकनीकी ग्रेड-द्वितीय को पूर्व की भांति क्रमश: तीन, दो व एक प्रारंभिक वेतन वृद्धियों का लाभ देने की मांग पर उत्तर प्रदेश से सूचना प्राप्त करते हुए अगली कैबिनेट में प्रस्ताव रखने का आश्वासन।
  • ऊर्जा के तीनों निगमों में सातवें वेतन आयोग के अनुसार कार्मिकों को अनुमन्य विभिन्न भत्तों का रिवीजन करने की मांग पर निगम के बोर्ड की सहमति बनने और शीघ्र कार्रवाई का दावा किया गया।
  • ऊर्जा के तीनों निगमों में निजीकरण न किए जाने पर शासन ने बताया कि निजीकरण का कोई प्रस्ताव अभी विचाराधीन नहीं है।
  • उपनल के माध्यम से कार्योजित संविदा कार्मिकों को वर्ष में दो बार महंगाई भत्ता व रात्रि पाली भत्ता देने के आदेश जारी करने का आश्वासन दिया।
  • ऊर्जा के तीनों निगमों में वर्षों से लंबित टेक्निकल ग्रेड-2 से रिक्त अवर अभियंताओं के पदों पर पदोन्नति की मांग पर शासन ने तर्क दिया कि आंशिक रूप से पदोन्नतियां की गई थीं, जिस पर मुख्यमंत्री ने एक माह के भीतर कार्रवाई के निर्देश दिए।
  • यूजेवीएनएल में वर्ष 2019-20 के लिए उत्पादन बोनस, पिटकुल में 2018-19 एवं 2019-20 के लिए बोनस और ऊर्जा निगम में 2019-20 के लिए सभी कार्मिकों को लाइन लास कम करने व लक्ष्य से ज्यादा राजस्व वसूली प्राप्त करने पर नियमित रूप से बोनस देने की मांग पर कहा गया कि निगम बोर्ड से सहमति मिल चुकी है, आदेश जारी किए जा रहे हैं।
  • सीधी भर्ती में नियुक्त कार्मिकों को 31 दिसंबर 2015 तक अनुमन्य वेतनमान अनुमन्य करने की मांग पर वेतन पुनरीक्षण के लिए गठित समिति के पास विचार के लिए प्रस्तुत करने का आश्वासन दिया गया।
  • एक जनवरी 2009 से अवर अभियंताओं को ग्रेड वेतन 4600 दिए जाने के लिए प्रस्ताव का परीक्षण शासन में भेजकर शीघ्र निर्णय लेने पर भी सहमति जताई गई।
  • संपूर्ण सेवाकाल में एक बार पदोन्नति में शिथिलीकरण का लाभ देने की मांग पर शासन स्तर पर भविष्य में जो भी निर्णय लिया जाएगा, उसके अनुरूप ही अग्रेत्तर कार्रवाई की जाएगी।
  • ऊर्जा निगमों के एकीकरण की मांग पर परीक्षण किए जाने का आश्वासन दिया गया।

इंसारुल हक (संयोजक, विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा) ने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ वार्ता सकारात्मक रही। ज्यादातर मांगों पर शीघ्र कार्रवाई का लिखित आश्वासन दिया गया है। कार्मिकों के एलाउंस के रिवाइज आर्डर जारी किए गए हैं। अन्य पर भी शीघ्र आदेश जारी होने की उम्मीद है। ऐसे में हड़ताल स्थगित कर दी गई है।

सौजन्या (सचिव, ऊर्जा) ने कहा कि संयुक्त मोर्चा के साथ मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री की उपस्थिति में वार्ता हुई। जिसमें विभिन्न बिंदुओं पर सहमति के बाद कार्यवृत्त जारी कर दिया गया है। जिसके बाद मोर्चा की ओर से आंदोलन स्थगित करने का एलान कर दिया गया है।

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