बांग्लादेशी और रोहिंग्या की तलाश तेज, सत्यापन अभियान शुरू
पुलिस अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों और रोहिंग्या के खिलाफ वृहद अभियान चलाने की तैयारी कर रही है।
देहरादून, जेएनएन। दिसंबर में दो बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध रूप से दून में निवास करते पकड़े जाने बाद पुलिस ने बड़े स्तर पर सत्यापन अभियान शुरू कर दिया है। अभियान में मेन फोकस बांग्लादेशी और रोहिंग्या की तलाश करना तो है ही, साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर गैर प्रांतों के उन लोगों की भी पहचान करना है, जो पूर्व में आपराधिक मामलों में संलिप्त रह चुके हैं। विदेशी नागरिकों की गतिविधियों को लेकर दून हमेशा से संवेदनशील रहा है। दिसंबर में पटेलनगर थाना क्षेत्र से पकड़े गए दोनों बांग्लादेशी देहरादून में बीते दो दशक से भी अधिक समय से रह रहे थे। दोनों यहां राशन कार्ड, वोटर आइडी कार्ड, आधार कार्ड और इनमें से एक तो पासपोर्ट भी बनवा चुके थे। इनमें से एक आरोपित दो बार बांग्लादेश की यात्रा भी कर चुका था।
देहरादून में विदेशी नागरिकों के अवैध रूप से रहने का यह कोई पहला मामला नहीं है। दिसंबर 2016 से लेकर बीते साल तक चार चीनी नागरिक भी यहां अवैध रूप से रहते पकड़े जा चुके हैं। चीनी नागरिक यहां वीजा नियमों का उल्लंघन करते हुए रह रहे थे। पुलिस की मानें तो वह टूरिस्ट वीजा पर आकर यहां व्यवसायिक गतिविधियों में संलिप्त थे। गणतंत्र दिवस को देखते हुए कड़ी हुई सुरक्षा गणतंत्र दिवस के मौके पर या इससे पूर्व आंतकी खतरे को भांपते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पंजाब के कई इलाकों में गुरुवार को ताबड़तोड़ छापे मारे।
हालांकि, एनआइए ने अभी उत्तराखंड पुलिस से संपर्क नहीं साधा है, लेकिन वर्ष 2017 और 2018 में यहां के शिक्षण संस्थानों में आतंकी संगठन से जुड़े संदिग्धों की गिरफ्तारी होने से इस बात से इन्कार भी नहीं किया जा सकता है कि दून इस तरह की गतिविधियों से पूरी तरह मुक्त है। विगत कुछ वर्षों में की गई कार्रवाई पर गौर करें तो हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी तक पकड़े जा चुके हैं।
एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि एनआइए ने अभी यहां तो संपर्क नहीं किया, लेकिन स्थानीय स्तर पर राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों की सुरक्षा कड़ी करने के साथ अन्य एहतियातन उपाय किए जा रहे हैं। सत्यापन अभियान भी इसी अलर्टनेस का हिस्सा है।
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