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पुलिस ने जब्त किया तीन क्विंटल नकली मावा, जानिए पहचान का तरीका Dehradun News

पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने तीन क्विंटल मिलावटी मावा पकड़ा है। साथ ही दो लोगों को हिरासत में लिया है। मावा मुजफ्फरनगर से देहरादून लाया जा रहा था।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Mon, 09 Mar 2020 09:10 AM (IST)Updated: Mon, 09 Mar 2020 09:10 AM (IST)
पुलिस ने जब्त किया तीन क्विंटल नकली मावा, जानिए पहचान का तरीका Dehradun News
पुलिस ने जब्त किया तीन क्विंटल नकली मावा, जानिए पहचान का तरीका Dehradun News

देहरादून,  जेएनएन। पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने तीन क्विंटल मिलावटी मावा पकड़ा है। साथ ही दो लोगों को हिरासत में लिया है। मावा मुजफ्फरनगर से देहरादून लाया जा रहा था।

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सीओ अनुज कुमार ने बताया कि पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने शनिवार देर रात निरंजनपुर मंडी के पास से दिल्ली नंबर की एक कार को रोका। कार में दो लोग सवार थे, जबकि पीछे थैलों में कुछ सामान रखा हुआ था। शक के आधार पर जब तलाशी ली गई तो मावा बरामद हुआ। 

इस पर पुलिस ने खाद्य सुरक्षा अधिकारी रमेश चंद को मौके पर बुलाया। खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने चेक करने पर बताया कि मावा मिलावटी है। जिसका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया। पुलिस ने वाहन सीज करते हुए दोनों आरोपितों को हिरासत में लिया है। आरोपित मुजफ्फरनगर निवासी हैं।

बाजार चौकी इंचार्ज नवीन जोशी ने बताया कि त्योहारों के सीजन में मिलावटी मावा मुजफ्फरनगर से होटलों में सप्लाई होता है। पकड़े गए आरोपितों ने बताया कि वह लंबे समय से मावा की सप्लाई होटलों में करते आ रहे हैं। मावा सिंथेटिक दूध से तैयार किया जाता है। त्योहार के सीजन में मिठाई की मांग बढ़ जाती है, जिसके कारण मावा की खपत भी बढ़ जाती है।

सैंपल रिपोर्ट आने के बाद होटलों पर भी होगी कार्रवाई

खाद्य सुरक्षा अधिकारी रमेश चंद ने बताया कि मावा के सैंपल लेकर जांच के लिए लेब भेज दिए गए हैं। अप्रैल अंत तक रिपोर्ट आने की उम्मीद है। इसके बाद ही पता लगेगा कि मावा असली या है नकली। उन्होंने बताया कि इस बार होली के मद्देनजर खाद्य पदार्थों के अब तक 38 सैंपल लिए गए हैं। जिनकी रिपोर्ट आनी अभी बाकी है।

नकली मावे से लिवर की भी होती है दिक्कत

फिजीशियन डॉ. प्रवीन पंवार ने बताया कि होली पर गुजिया का स्वाद लेना है तो जरा संभलकर खरीदारी करें। नकली मावे से फूड प्वाइजनिंग, उल्टी, पेट दर्द होने का खतरा बढ़ जाता है। खराब मावे से बनी मिठाइयां खाने से किडनी और लीवर पर भी बुरा असर पड़ता है।

ऐसे होता है मिलावट का कारोबार

- एक किलो दूध से तकरीबन दो सौ ग्राम मावा ही निकलता है। जाहिर है इससे व्यापारियों को ज्यादा फायदा नहीं होता। लिहाजा मिलावटी मावा बनाया जाता है।

- इसमें अक्सर शकरकंद, सिंघाड़े का आटा, आलू और मैदा का इस्तेमाल होता है।

- नकली मावा बनाने में स्टार्च, आयोडीन के साथ ही आलू मिलाया जाता है। आलू इसलिए ताकि मावे का वजन बढ़े। वजन के लिए ही आटा भी मिलाया जाता है।

- नकली मावा असली मावा की तरह दिखे इसके लिए इसमें कुछ कैमिकल भी मिलाया जाता है। कुछ दुकानदार मिल्क पाउडर में वनस्पति घी मिलाकर मावे को तैयार करते हैं।

ऐसे करें असली-नकली की पहचान

- मावे को हथेली पर रखने पर यदि यह तेल छोड़ता है तो मिलावट नहीं है।

- मावे को हल्के गुनगुने पानी में डाल दें। फिर इसमें थोड़ा चने का आटा और चुटकी भर हल्दी मिला दें। यदि रंग गुलाबी आता है तो समझिये इसमें मिलावट है।

मिठाई की 13 दुकानों पर छापेमारी, सैंपल भरे

खाद्य सुरक्षा विभाग ने होली से पहले शहर के बड़े मिठाई विक्रेताओं के यहां छापेमारी की। जनपद में मिठाई की 13 दुकानों पर मिठाई एवं कन्फेक्शनरी आइटम के सैंपल भरे। जिन्हें जांच के लिए रुद्रपुर लैब भेज दिया गया है।

जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को विशेषतौर से प्रमुख मिठाई विक्रेताओं पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इस पर एसडीएम व खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र में खाद्य पदार्थों की सैंपलिंग की। नगर निगम क्षेत्र के खाद्य सुरक्षा अधिकारी रमेश सिंह ने बताया कि टीम ने कौलागढ़ रोड स्थित उत्तर स्वीट्स से मावा और नमकीन के दो सैंपल लिए। 

इसके अलावा घंटाघर स्थित बंगाली स्वीट्स से गुजिया का सैंपल भरा। राजपुर रोड पर आनंदम स्वीट्स से गुलाब जामुन का भी सैंपल लिया गया है। उधर, ग्रामीण क्षेत्र के खाद्य सुरक्षा अधिकारी योगेंद्र पांडेय ने बताया कि डोईवाला व आसपास भी सघन चेकिंग की गई। यहां मावा आदि का सैंपल लिया गया है। 

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उधर, ऋषिकेश में छापेमारी के दौरान राजपूत स्वीट शॉप के पास मैन्युफैक्चरिंग व सप्लाई का लाइसेंस नहीं मिला। वहां ऐसे अनाधिकृत रूप से सामान रखा पाया गया। जिस पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। 

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