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साक्या एकेडमी में छात्रों से मारपीट के मामले में पुलिस ने शुरू की जांच

पुरकुल स्थित साक्या एकेडमी में छात्रों से मारपीट के मामले में पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है। मामले की जांच एसपी क्राइम लोकजीत सिंह को सौंपी गई है। वहां एकेडमी में जाकर छात्रों और एकेडमी प्रबंधन से बातचीत करेंगे।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 01:43 PM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 11:56 PM (IST)
साक्या एकेडमी में छात्रों से मारपीट के मामले में पुलिस ने शुरू की जांच
साक्या एकेडमी में छात्रों से मारपीट के मामले में पुलिस ने शुरू की जांच।

देहरादून, जेएनएन। पुरकुल स्थित साक्या एकेडमी में छात्रों से मारपीट के मामले में पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है। मामले की जांच एसपी क्राइम लोकजीत सिंह को सौंपी गई है। वहां एकेडमी में जाकर छात्रों और एकेडमी प्रबंधन से बातचीत करेंगे। इससे पहले गोरखाली समाज के पदाधिकारी व कांग्रेस नेता गोदावरी थापली दोपहर में एकेडमी पहुंची और प्रबंधन और बच्चों से बातचीत की।

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बता दें कि बीते रोज देहरादून के एक संस्थान में छात्रों के उत्पीड़न का मामला सामने आया था। आरोप है कि छुट्टी का प्रार्थनापत्र लेकर गए बच्चों की पिटाई की गई। इतना ही नहीं, उन्हें यातनाएं भी दी गईं। इनमें से चार बच्चे जख्मी हुए हैं। पिटाई के डर से सात बच्चे संस्थान से भाग गए। जख्मी बच्चों ने अपनी तस्वीरें नेपाल में स्वजनों को भेजीं। इंटरनेट मीडिया पर मामला उछलने के बाद पुलिस वहां पहुंची और प्रबंधन से पूछताछ की। हालांकि पुलिस ने मारपीट से इन्कार किया है। पुलिस अधीक्षक (नगर) श्वेता चौबे ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। दूसरी ओर पुलिस महानिदेशक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) अशोक कुमार ने कहा कि मामले की जानकारी नहीं है। इस बीच उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी मामले का संज्ञान लिया। आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी संस्थान पहुंचीं और पीड़ित बच्चों से बातचीत की। ऊधर, जिला शिक्षाधिकारी आरएस रावत ने कहा कि जल्द ही विभाग की टीम एकेडमी का निरीक्षण करेगी।

वर्तमान में यहां 213 बच्चे हैं अध्ययनरत

राजपुर रोड स्थित साक्या एकेडमी में कक्षा एक से आठवीं तक की शिक्षा दी जाती है। संस्थान का संचालन बौद्ध अनुयायियों की संस्था साक्या फाउंडेशन करती है। वर्तमान में यहां 213 बच्चे अध्ययनरत हैं। ये बच्चे नेपाल, भारत के अरुणाचल, तिब्बत और हिमाचल के साथ ही उत्तराखंड के हैं। वर्ष 2016 में शुरू हुए संस्थान में बौद्ध धर्म और तिब्बती संस्कृति के साथ ही आधुनिक शिक्षा भी दी जाती है। यहां निर्धन बच्चों को निश्शुल्क पढ़ाया जाता है। घटना सोमवार की है। नेपाल के रहने वाले 47 बच्चे छुट्टी का प्रार्थनापत्र लेकर शिक्षक के पास पहुंचे। सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले प्रदीप लांबा ने आरोप लगाया कि इस पर शिक्षक ने पहले उन्हें डांटा। इसके एक-एक कर उन्हें कमरे में बुलाया और डंडे व तार से उनकी पिटाई की। घबराकर सोमवार को चार व बुधवार को तीन बच्चे भाग गए। प्रबंधन में मामले की जानकारी पुलिस को भी नहीं दी।

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