शादी का प्रस्ताव रखकर की 17 लाख की ठगी, एसटीएफ ने महिला और उसके साथी को पुणे से किया गिरफ्तार
उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पुणे (महाराष्ट्र) से लाखों की ठगी करने वाले ठग गिरोह के एक नाइजीरियन सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। यह लोग विदेशी महिला बनकर पहले दोस्ती फिर शादी का प्रस्ताव के नाम पर ठगी करते हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने शादी और व्यापार का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। सरगना समेत गिरोह के तीनों सदस्य गिरफ्तार कर लिए गए हैैं। सरगना नाइजीरिया मूल का है। आरोपितों ने गत वर्ष शादी और व्यापार का झांसा देकर देहरादून के एक व्यक्ति से 17 लाख रुपये ठग लिए थे।
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह ने बताया कि सुनील निवासी प्रकाश नगर चकराता रोड ने भारत मेट्रोमोनियल साइट पर विवाह के लिए पंजीकरण कराया था। वर्ष 2020 में इसी साइट पर उनकी दोस्ती दिप्रभासिल नाम की महिला से हुई। महिला ने खुद को विदेशी बताकर सुनील को झांसे में लिया था। इसके बाद दोनों के बीच वाट्सएप व ईमेल के जरिये बातचीत होने लगी। कुछ समय बाद उनके बीच विवाह पर सहमति बन गई। हालांकि, इसी बीच मार्च 2020 में कोरोना के कारण पूरे देश में लाकडाउन लागू हो गया। इसकी आड़ में महिला ने यह कहकर शादी की बात टाल दी कि वह इन हालात में भारत नहीं आ सकती।
इसके बाद उसने सुनील को एक्वाडिन हर्बल आयल (जानवरों की दवा) का व्यापार कर भारी मुनाफा कमाने का प्रलोभन दिया। इसके लिए फोन के माध्यम से सुनील का एक व्यक्ति से परिचय कराया, जिसे आयल का बड़ा व्यापारी और वर्ली (मुंबई) का निवासी बताया। महिला और उसके इस साथी ने व्यापार शुरू कराने के लिए सुनील से अप्रैल से दिसंबर 2020 के बीच अलग-अलग बैंक खातों में 17.10 लाख रुपये जमा करा लिए, लेकिन आयल नहीं भेजा। ठगी का एहसास होने पर 24 अप्रैल 2021 को सुनील ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने घटना में प्रयुक्त मोबाइल नंबर और बैंक खातों की जानकारी जुटाई तो उनमें दर्ज पते दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र के निकले। तीनों ही राज्यों में आरोपितों की तलाश के लिए पुलिस की टीमें भेजी गईं, लेकिन आरोपित हत्थे नहीं चढ़े। ऐसे में पुलिस ने जाल बिछाया, जिसमें आरोपित फंस गए। बीते सोमवार को गिरोह के सरगना नाइजीरियन नवाओकोरो स्टेनले और उसकी महिला मित्र स्वर्णलता को महाराष्ट्र के पुणे से गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों पुणे में हिंदवाड़ी क्षेत्र में रह रहे थे। स्वर्णलता मूल रूप से झारखंड की रहने वाली है। तीसरे सदस्य रमेश निवासी भारती लोवदारी चौक, पुणे को भी उसी दिन पुणे (महाराष्ट्र) से गिरफ्तार किया गया। रमेश फर्जी आइडी पर सिम बेचता था। तीनों आरोपितों को एसटीएफ गुरुवार को ट्रांजिट रिमांड पर महाराष्ट्र से दून ले आई।
अपने ही जाल में फंस गया गिरोह
आरोपित शातिर किस्म के हैं। ऐसे में पुलिस ने उन्हें दबोचने के लिए उन्हीं की रणनीति अपनाई। एसटीएफ की दारोगा निर्मल भट्ट ने पहले आरोपित स्वर्णलता से इंटरनेट मीडिया पर दोस्ती की और फिर उसके समक्ष व्यापार करने की इच्छा जताई। महिला ने दारोगा को भी चंगुल में फंसाने के लिए एक्वाडिन हर्बल आयल के व्यापार का लालच दिया। हालांकि, इस बार वह खुद फंस गई। महिला ने दारोगा को व्यापार संबंधी बातचीत के लिए पुणे बुलाया था। इसी दौरान पुलिस ने उसे दबोचा। इसके बाद उसकी निशानदेही पर उसके दोनों साथी भी पकड़ लिए गए।
दुबई में काम करती थी महिला
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि स्वर्णलता पहले दुबई के अबूधाबी में मोटर पार्ट बनाने वाली कंपनी में काम करती थी। वहां उसे 80 से 90 हजार रुपये वेतन मिलता था। वर्ष 2013 में अबूधाबी में ही उसकी मुलाकात नवाओकोरो स्टेनले से हुई। इसके बाद दोनों पुणे आ गए और यहां लिव इन में साथ रहने लगे। दोनों अब तक कई व्यक्तियों को हर्बल आयल के व्यापार का झांसा देकर ठग चुके हैं।
अवैध तरीके से रह रहा था नाइजीरियन
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि नवाओकोरो स्टेनले मेडिकल वीजा पर इलाज के लिए दिल्ली आया था। उसे रात में देखने में समस्या आती थी। इसी का इलाज कराने के लिए वह भारत आया था। वर्ष 2013 में उसके वीजा की वैधता समाप्त हो गई थी।
100 रुपये में सिम देता था रमेश
रमेश की ओम कम्युनिकेशन नाम से मोबाइल की दुकान है। वह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नवाओकोरो स्टेनले और स्वर्णलता को सिम कार्ड उपलब्ध कराता था। हर सिम कार्ड के लिए 100 रुपये लेता था। वह आरोपितों को अब तक 100 से अधिक सिम कार्ड बेच चुका है।
अलग-अलग नाम से 14 बैंक खाते
इस गिरोह ने अलग-अलग नाम से बैैंकों में 14 खाते खुलवाए हुए थे। इन्हीं में ठगी की रकम जमा कराई जाती थी। ठगों से दस मोबाइल फोन, 18 एक्टिव और 58 नए सिम, एक लैपटाप, आठ आधार कार्ड, तीन पासपोर्ट, 14 चेकबुक, एक पासबुक, वाई फाई रूटर व अन्य सामान बरामद हुआ है।
नशा तस्करों पर पुलिस की कार्रवाई, चार गिरफ्तार
दून में नशा तस्करों के हौसले बुलंद हैं। पुलिस की कार्रवाई के बावजूद शहर में नशीले पदार्थों की तस्करी थम नहीं रही है। नशे के सौदागर कालेज के छात्रों और श्रमिकों को निशाना बना रहे हैं। अलग-अलग क्षेत्रों में पुलिस ने बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ पकड़ा है। इसकी सप्लाई करने जा रहे चार तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है।
दून में नशा तस्करों की धरपकड़ के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मेजय खंडूरी ने अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में नेहरू कालोनी थाना पुलिस ने शीतला विहार रेलवे क्रासिंग माता मंदिर फाटक पर विकास राम को आठ किलो 270 ग्राम गांजा और विकास कुमार साहनी को छह किलो 152 ग्राम गांजा के साथ गिरफ्तार किया। दोनों को जेल भेज दिया गया है।
उधर, पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने मंगलवार को देर रात वाहन चेकिंग के दौरान लालपुल से सत्तोवाली घाटी की ओर जाने वाले मार्ग पर शुभम पाल निवासी सोराब, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) को रोककर तलाशी ली। उसके पास से 6.20 ग्राम स्मैक बरामद की गई।
वहीं, प्रेमनगर पुलिस ने मादक पदार्थों की सप्लाई की रोकथाम के लिए मंगलवार को क्षेत्र में सघन चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान अमनदीप संधू निवासी विंग नं.-तीन प्रेमनगर को 57.20 ग्राम चरस और 2.25 ग्राम स्मैक के साथ पकड़ा गया। आरोपित ने बताया कि वह बरेली समेत अन्य क्षेत्रों से सस्ते दाम में मादक पदार्थ खरीद कर देहरादून में हास्टल आदि में ऊंचे दाम पर बेचता था।
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