साले की हत्या का आरोपित गाजियाबाद से गिरफ्तार, जानें- कैसे बना अपराधी और किस तरह वारदात को दिया अंजाम
प्रेमनगर में चाकू से गला रेतकर साले को मौत के घाट उतारने का आरोपित जीजा आखिरकार गुरुवार को गाजियाबाद में पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
देहरादून, जेएनएन। दस माह पहले प्रेमनगर में चाकू से गला रेतकर साले को मौत के घाट उतारने का आरोपित जीजा आखिरकार गुरुवार को गाजियाबाद में पुलिस के हत्थे चढ़ गया। वह नाम और पहचान बदलकर छिपता फिर रहा था। शुक्रवार को प्रेमनगर पुलिस आरोपित को लेकर देहरादून पहुंची। उसे अस्थायी जेल भेजा गया है।
डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि पांच नवंबर 2019 को प्रेमनगर के विंग नंबर सात में रहने वाली डिंपल शर्मा ने प्रेमनगर थाना पहुंचकर सूचना दी थी कि उसके तलाकशुदा पति पवन शर्मा ने भाई सुनील शर्मा उर्फ सोनू की हत्या कर दी है। पुलिस के मौके पर पहुंचने तक पवन फरार हो चुका था। पुलिस ने पवन की तलाश में उसके नाते-रिश्तेदारों से लेकर दोस्तों के घर तक दबिश दी, लेकिन वह हाथ नहीं आया। वह लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था। साथ ही, ठिकाना छोड़ने से पहले सारे सबूत मिटा देता था। इस बीच उस पर ढाई हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया गया। इसी 17 सितंबर को एक मुखबिर के जरिये पुलिस को एक मोबाइल नंबर मिला, जिसका पवन इस्तेमाल कर रहा था। इसके माध्यम से पुलिस ने उसकी लोकेशन ट्रेस कर ली। वह गाजियाबाद के विजयनगर में छिपा हुआ था। डीआइजी ने बताया कि पवन पर गाजियाबाद के थाना सिहानी गेट में हत्या, मारपीट और गुंडा एक्ट के दो मुकदमे पहले से दर्ज हैं।
नशे की लत में बन गया अपराधी
पवन ने पुलिस को बताया कि 25 वर्ष की उम्र में नशे की लत के चलते वह गलत संगत में पड़ गया था। इसी दौरान उसके विरुद्ध गाजियाबाद में तीन की हत्या, मारपीट और गुंडा अधिनियम के मामले दर्ज हुए। जमानत पर बाहर आने के बाद वर्ष 2000 में माता-पिता ने उसकी शादी डिंपल शर्मा निवासी सहारनपुर से कर दी। तब उसकी उम्र करीब 36 वर्ष थी। डिंपल से उसकी तीन बेटियां और एक बेटा है। गाजियाबाद में वह मां, पत्नी और बच्चों के साथ मुकुंदनगर में रहता था, मगर वहां उसकी छवि अच्छी नहीं थी। इस कारण वर्ष 2005 में वह मकान बेचकर परिवार समेत देहरादून शिफ्ट हो गया। यहां उसने एक गाड़ी खरीदी और चलाने लगा। नुकसान होने पर सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी भी की, लेकिन नशे की लत के कारण सारी जमा पूंजी समाप्त हो गई। इसी दौरान उसकी मां की मृत्यु हो गई।
बीवी बच्चों को साथ ले जाना चाहता था पवन
नशे की लत के कारण उसका डिंपल से अक्सर झगड़ा और मारपीट होती थी। डिंपल सारी बातें प्रेमनगर में रहने वाले अपने भाई सुनील को बताती थी। वर्ष 2015 में डिंपल ने पवन से तलाक ले लिया। इसके बाद वह बच्चों के साथ अपने भाई के पास प्रेमनगर में रहने लगी। पवन गाजियाबाद लौट गया। वह अक्सर अपने बच्चों से मिलने प्रेमनगर आता था। वह बीवी-बच्चों को साथ ले जाना चाहता था। लेकिन, सुनील और उसका दोस्त मनीष राजपूत नहीं चाहते थे कि ङ्क्षडपल फिर से पवन के साथ रहे। इस कारण सुनील और मनीष से पवन रंजिश रखने लगा और उन्हें मारने की योजना बना ली।
ऐसे की थी वारदात
बीते साल पांच नवंबर को डिंपल से मिलने के लिए पवन दून आया, लेकिन डिंपल ने उसके लिए घर का दरवाजा नहीं खोला। इसके बाद सुनील घर से बाहर निकला और पवन से आने की वजह पूछी तो वह सुनील को बात करने के बहाने ले गया और कुछ दूर जाकर उसका गला रेत दिया। वह डिंपल और मनीष को भी मारना चाहता था, लेकिन मौके पर भीड़ जुटने के कारण भाग गया। प्रेमनगर श्मशान घाट के पास पहुंचकर पवन ने कपड़े बदले और हत्या में प्रयुक्त चाकू नदी में फेंक दिया।
यह भी पढ़ें: देहरादून में घर पर अकेले रह रहे बुजुर्ग की हत्या, बंधे मिले हाथ और पैर
हरियाणा और पंजाब में भी की छिपने की कोशिश
वारदात को अंजाम देने के बाद पवन टेंपो से विकासनगर पहुंचा। वहां से रोडवेज की बस पकड़कर पांवटा साहिब और फिर राजस्थान गया। राजस्थान में वह एक मंदिर के बाहर रहने लगा। जहां उसे खाना-पीना मिल जाता था। इसके बाद वह कुरुक्षेत्र (हरियाणा) पहुंचा और वहां दो-तीन महीने रहा। पवन पंजाबी भाषा अच्छी बोल लेता है। इसका फायदा उठाकर वह अमृतसर स्थित गुरुद्वारे में भी रहा। लॉकडाउन के दौरान वह अमृतसर गुरुद्वारे में ही था। लॉकडाउन खुलने पर आनंद विहार, दिल्ली पहुंच गया। इसके बाद वह वापस गाजियाबाद आ गया।