पेंशन अदालत में 95 फीसद का मौके पर ही निस्तारण
भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (आइटीबीपी) के सीमाद्वार स्थित परिसर में में पेशन शिविर का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, देहरादून : भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (आइटीबीपी) के सीमाद्वार स्थित परिसर में मंगलवार को द्वितीय पेंशन अदालत का आयोजन किया गया। महानिदेशक आरके पंचनंदा के निर्देश पर आइटीबीपी उत्तरी फ्रंटियर द्वारा आयोजित पेंशन अदालत में पेंशन से संबंधित 95 प्रतिशत मामलों का मौके पर ही निस्तारण किया गया।
इससे पहले आइटीबीपी उत्तरी फ्रंटियर के महानिरीक्षक एचएस गोराया ने पेंशन अदालत का शुभारंभ करते हुए कहा कि उत्तराखंड में आइटीबीपी के सेवानिवृत्त अधिकारियों व जवानों की तादाद काफी है। अधिकांश सेवानिवृत्त सैनिक पेंशन से संबंधित समस्या से भी जूझ रहे हैं। ऐसे में पेंशन अदालत का आयोजन कर सेवानिवृत्त सैनिकों की समस्याओं का निस्तारण किया जा रहा है। पड़ोसी राज्य उप्र व हिमाचल प्रदेश के सेविानिवृत्त सैनिकों को भी इसका लाभ मिलेगा। महानिरीक्षक ने बल के रिटायर अधिकारियों व जवानों को स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित भी किया। पेंशन अदालत में खास यह रहा कि वर्ष 1962 में आइटीबीपी में भर्ती हुए कई पूर्व सैनिक भी अपनी पेंशन से संबंधित समस्या लेकर पेंशन अदालत पहुंचे। इन मामलों का समाधान भी मौके पर ही किया गया।
पेंशन अदालत में केंद्रीय अभिलेख कार्यालय के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी एसपी दुबे समेत वेतन व लेखा कार्यालय, भारतीय स्टेट बैंक दिल्ली व केंद्रीय पेंशन एवं लेखा कार्यालय के तमाम अधिकारी व कर्मचारी भी मौजूद रहे। उधर, आइटीबीपी के संयुक्त चिकित्सालय द्वारा निश्शुल्क चिकित्सा शिविर भी आयोजित किया गया। शिविर में बल के रिटायर कार्मिकों का चिकित्सीय परीक्षण किया गया। वहीं रक्तदान शिविर भी आयोजित किया गया। जिसमें 50 यूनिट ब्लड एकत्र किया गया।