उद्योग, होटल, अस्पताल, आश्रम, धर्मशाला व खनन पट्टों को राहत
लॉकडाउन को देखते हुए उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने राज्य में उद्योग होटल अस्पताल आश्रम धर्मशालाओं के साथ ही खनन पट्टा संचालकों को बड़ी राहत दे दी है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून:
लॉकडाउन को देखते हुए उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने राज्य में उद्योग, होटल, अस्पताल, आश्रम, धर्मशालाओं के साथ ही खनन पट्टा संचालकों को बड़ी राहत दे दी है। इनके संचालन के लिए 31 मार्च 2020 तक दी गई प्राधिकार की वैधता अवधि अब बढ़ाकर 30 जून कर दी गई है। पीसीबी के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि ने इसके आदेश भी जारी कर दिए हैं।
राज्य में संचालित होने वाले उद्योग, अस्पताल, होटल, धर्मशाला, आश्रम के साथ ही खनन पट्टों के संचालन के लिए हर साल पीसीबी से सहमति लेनी अनिवार्य है। इसके लिए उन्हें सहमति शुल्क भी अदा करना होता है। इसके बाद पीसीबी पर्यावरणीय पहलुओं के दृष्टिगत जांच पड़ताल के बाद संचालन के लिए प्राधिकार देता है। यह भी प्रविधान है कि यदि वैधता अवधि पूर्ण होने से पहले प्राधिकार के लिए अनुमति नहीं ली जाती है तो संबंधित उद्योग, होटल, आश्रम, धर्मशाला, अस्पताल व खनन पट्टा संचालक से प्रतिदिन के हिसाब से विलंब शुल्क लिया जाएगा।
पीसीबी के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि के अनुसार इस बार लॉकडाउन के कारण प्राधिकार की अवधि बढ़ाने को आवेदन नहीं हो पाए। इसे देखते हुए प्राधिकार की वैधता को अब 30 जून तक बढ़ाया गया है, जो पहले 31 मार्च 2020 तक थी। अब अवधि बढ़ने से उद्योग, होटल, आश्रम, धर्मशाला, अस्पताल व खनन पट्टा संचालकों को कोई फाइन नहीं देना पड़ेगा।
पहले भी दी गई थी राहत
पीसीबी ने हाल में बिना अनुमति के चल रहे होटल, आश्रम, धर्मशाला और एमएसएमई को भी राहत दी थी। बोर्ड ने पहले ये तय किया था कि इनमें से जो भी प्रतिष्ठान 31 मार्च तक संचालन के लिए पीसीबी से आवेदन करेंगे, उनका 2002 से 2019 तक का संचालनार्थ सहमति शुल्क माफ किया जाएगा। लॉकडाउन होने के बाद बदली परिस्थितियों को देखते हुए पीसीबी ने हाल में आवेदन की अंतिम तिथि 30 जुलाई कर दी थी।