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सीएम आवास जा रहे प्रधानों को पुलिस ने रोका, सड़क पर दिया धरना

पिछले 14 दिन से 12 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे प्रदेश प्रधान संगठन ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए कूच किया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2020 07:46 PM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 07:46 PM (IST)
सीएम आवास जा रहे प्रधानों को पुलिस ने रोका, सड़क पर दिया धरना
सीएम आवास जा रहे प्रधानों को पुलिस ने रोका, सड़क पर दिया धरना

जागरण संवाददाता, देहरादून: पिछले 14 दिन से 12 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे प्रदेश प्रधान संगठन ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए कूच किया। लेकिन, पुलिस ने उन्हें हाथीबड़कला चौक पर बैरिकेडिग लगाकर रोक लिया। बैरिकेडिंग पार करने में असफल प्रधान वहीं धरने पर बैठ गए। इसके बाद पुलिस-प्रशासन ने संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल की सचिवालय में पंचायती राज मंत्री अरविद पांडे से मुलाकात कराई। पंचायती राज मंत्री ने प्रधानों को 15 दिन में उनकी मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। जिसके बाद संगठन ने धरना समाप्त किया।

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पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सोमवार को प्रदेशभर से दून पहुंचे प्रधान गांधी पार्क के निकट एकत्र हुए। यहां से दोपहर करीब 12 बजे संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भास्कर सम्मल के नेतृत्व में प्रधानों ने जुलूस की शक्ल में मुख्यमंत्री आवास के लिए कूच किया। हालांकि, प्रधानों को मुख्यमंत्री आवास पहुंचने से रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने पहले से तैयारी कर रखी थी। हाथीबड़कला चौक पर बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। प्रधानों के हाथीबड़कला चौक पहुंचने से पहले सीओ सिटी शेखर चंद सुयाल, सीओ डालनवाला विवेक कुमार, सीओ नेहरू कॉलोनी पल्लवी त्यागी, कोतवाल शिशुपाल नेगी, डालनवाला कोतवाली प्रभारी मणिभूषण श्रीवास्तव, एसओ राजपुर राकेश शाह, धारा चौकी इंचार्ज शिशुपाल सिंह राणा भी वहां आ गए थे। यहां रोके जाने पर प्रधानों ने विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी और सड़क के बीचोंबीच धरने पर बैठ गए। इससे चौक पर दोनों तरफ जाम लग गया। पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को काफी समझाया, लेकिन वह सड़क से उठने को तैयार नहीं हुए। इसकी जानकारी मिलने पर पंचायतीराज मंत्री अरविंद पांडे ने प्रधानों के एक प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए सचिवालय आमंत्रित किया।

पंचायतीराज मंत्री से मुलाकात करने पहुंचे संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भास्कर सम्मल ने बताया कि मंत्री के आश्वासन पर 15 दिन के लिए धरना स्थगित कर दिया गया है। इस अवधि में मांगें पूरी नहीं हुईं तो दोबारा धरना-प्रदर्शन शुरू करेंगे। मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

मुख्यमंत्री आवास कूच करने से पहले संगठन के कुछ पदाधिकारी सुबह राज्यमंत्री (दर्जाधारी) महावीर सिंह रांगड़ के साथ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिले और मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। टिहरी जिले की एक ग्राम पंचायत के प्रधान रविदर सिंह राणा ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रधानों को मनरेगा व अन्य कार्य कराने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यह हैं प्रधान संगठन की मांगें

-जल जीवन मिशन में कार्यदायी संस्था ग्राम पंचायत को बनाया जाए।

-जल जीवन मिशन योजना में ठेकेदारी प्रथा को समाप्त कर इसकी धनराशि, परियोजना की देखरेख आदि में ग्राम प्रधानों का हस्तक्षेप रखा जाए।

-मनरेगा में कार्य दिवस 100 दिन प्रति परिवार से बढ़ाकर 200 दिन प्रति परिवार किया जाए। साथ ही मनरेगा के तहत सामान्य मजदूरी 202 से बढ़ाकर 400 और कुशल श्रमिकों की मजदूरी 398 से बढ़ाकर 600 रुपये की जाए।

-प्रधानों का मानदेय 1500 से बढ़ाकर पांच हजार रुपये किया जाए।

-प्रधानों को यातायात भत्ते के रूप में 15 हजार रुपये अतिरिक्त दिए जाएं और पेंशन की सुविधा भी मिले।

-एपीपल, बीपीएल व अंत्योदय राशन कार्डो का दोबारा सर्वे किया जाए।

-ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, पंचायत कनिष्ठ अभियंता, कंप्यूटर ऑपरेटर के पदों में बढ़ोत्तरी की जाए।

-मनरेगा के अंतर्गत होने वाले सुरक्षा दीवार, चेक डैम के निर्माण में लगाई गई रोक तत्काल हटाई जाए।

-ग्राम पंचायत में किसी भी विभाग के विकास कार्य के लिए प्रधान की अनुमति व खुली बैठक का प्रस्ताव जारी किया जाए।

-विधायक निधि की तर्ज पर ग्राम प्रधान निधि की व्यवस्था की जाए।


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