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उत्तराखंड में कोरोना महामारी के चलते पांडे समिति ने 7000 करोड़ आंका प्रारंभिक नुकसान

कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन में आर्थिकी को नुकसान से उबारने और आजीविका के उपाय सुझाने को पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे समिति की अंतरिम रिपोर्ट मंत्रिमंडल के समक्ष रखी गई।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Thu, 14 May 2020 09:04 AM (IST)Updated: Thu, 14 May 2020 09:04 AM (IST)
उत्तराखंड में कोरोना महामारी के चलते पांडे समिति ने 7000 करोड़ आंका प्रारंभिक नुकसान
उत्तराखंड में कोरोना महामारी के चलते पांडे समिति ने 7000 करोड़ आंका प्रारंभिक नुकसान

देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन में आर्थिकी को नुकसान से उबारने और आजीविका के उपाय सुझाने को पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे समिति की अंतरिम रिपोर्ट मंत्रिमंडल के समक्ष रखी गई। अप्रैल माह के राजस्व के आंकड़ों के आधार पर समिति ने करीब सात हजार करोड़ के नुकसान का प्रारंभिक आकलन किया है। सरकार ने तय किया है कि समिति की रिपोर्ट और सिफारिशों का सेक्टरवार परीक्षण कर अमलीजामा पहनाया जाएगा। 

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समिति ने बीती चार मई को अपनी अंतरिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपी थी। यह रिपोर्ट मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत की गई। समिति की ओर से विभागवार सेक्टरवार नुकसान का आकलन करने के साथ ही उसमें सुधार लाने के उपाय सुझाए हैं। विभागवार व सेक्टरवार रिपोर्ट का परीक्षण कराया जाएगा। 

समिति ने कोविड-19 से अर्थव्यवस्था को लगे झटके से उबरने के लिए अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक उपायों पर जोर दिया है। साथ में इसी हिसाब से आगे योजनाओं को अमलीजामा पहनाने की सिफारिश की है। आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने को स्पेशल डेवलपमेंट प्लान तैयार किया जाएगा। आय के नए स्रोतों पर विचार करने और खर्चों में कटौती का सुझाव दिया गया है। 

समिति की अंतरिम रिपोर्ट में प्रदेश की माइक्रो इकॉनोमी को पुनर्जीवित करने और स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाने की पैरवी की गई। प्रदेश में पर्यटन, इससे संबंधित उद्योगों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए इन्हें मजबूती देने को कहा गया है।

औद्योगिक उत्पादन पर पड़ने वाले प्रभावों, श्रमिकों की समस्याओं व संसाधनों की कमी, रिवर्स पलायन के मद्देनजर उद्योगों और विभिन्न क्षेत्रों का विश्लेषण करने पर जोर दिया गया है। सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि समिति ने लॉकडाउन से प्रारंभिक नुकसान 7000 करोड़ आंका है। 

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समिति के अध्यक्ष इंदुकुमार पांडे ने कहा कि नुकसान का आकलन प्रारंभिक है, इसे अभी ट्रेंड नहीं माना जा सकता। दो-तीन माह के आंकड़ों के आधार पर ही लॉकडाउन से हुए नुकसान के ट्रेंड का पता चलेगा। उन्होंने कहा कि नुकसान का आकार और बड़ा होना तय है। कोविड ने कई सेक्टर पर असर डाला है।  उधर, सचिव नियोजन एवं वित्त अमित नेगी ने कहा कि समिति की रिपोर्ट को संबंधित महकमों को भेजा जाएगा। इसके आधार पर उनसे आगे की रणनीति का खाका तैयार करने को कहा जाएगा। 

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