200 पंचायतों में प्रधान की कुर्सी अभी भी खाली
हरिद्वार को छोड़ राज्य के शेष 12 जिलों में 202 ग्राम पंचायतों में अभी भी पंचायतों का गठन नहीं हो पाया है। सामान्य निर्वाचन और फिर उपनिर्वाचन में भी इनमें दो दर्जन से ज्यादा ग्राम प्रधान और शेष ग्राम पंचायत सदस्यों के पद रिक्त रह गए हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: हरिद्वार को छोड़ राज्य के शेष 12 जिलों में 202 ग्राम पंचायतों में अभी भी पंचायतों का गठन नहीं हो पाया है। सामान्य निर्वाचन और फिर उपनिर्वाचन में भी इनमें दो दर्जन से ज्यादा ग्राम प्रधान और शेष ग्राम पंचायत सदस्यों के पद रिक्त रह गए हैं। ऐसे में इन पंचायतों में प्रधानों की कुर्सी अभी भी खाली है। हालांकि, अब इन पदों के उपनिर्वाचन के लिए शासन स्तर पर कवायद शुरू कर दी गई है।
पिछले साल जुलाई व अगस्त में 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने के बाद शासन ने इन्हें प्रशासकों के हवाले कर दिया था। इसके बाद अक्टूबर में इन जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हुए, लेकिन इसमें ग्राम पंचायत सदस्यों के 30636 पद रिक्त रह गए थे। इसके चलते कोरम पूरा न होने के कारण 4600 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में पंचायतों का गठन नहीं हो पाया।
इसके बाद रिक्त पदों के लिए उपनिर्वाचन के बावजूद 202 ग्राम पंचायतें ऐसी रह गई हैं, जहां गठन नहीं हो पा रहा है। अपर सचिव पंचायतीराज एचसी सेमवाल के अनुसार जिन ग्राम पंचायतों में गठन नहीं हो पाया है, उनके बारे में संबंधित जिलों से रिक्त पदों के ब्योरे सहित प्रस्ताव मांगा गया है। फिर इस पर मंथन के बाद उपचुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि उपचुनाव से संबंधित जरूरी औपचारिकताएं इसी माह पूरी कर ली जाएंगी और संभव है कि फरवरी में रिक्त पदों पर उपनिर्वाचन हो जाए।
यहां नहीं पंचायतों का गठन
जिला, संख्या
अल्मोड़ा, 61
पौड़ी, 35
चमोली, 18
बागेश्वर, 17
टिहरी, 16
रुदप्रयाग, 12
पिथौरागढ़, 11
ऊधमसिंहनगर, 10
नैनीताल, 08
चंपावत, 07
उत्तरकाशी, 05
देहरादून, 02
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