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एम्स ऋषिकेश में ऑर्गन ट्रांसप्लांट की अंतिम प्रक्रिया पूर्ण, पढ़ि‍ए पूरी खबर

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में हार्ट किडनी लीवर सहित ऑर्गन ट्रांसप्लांट की दिशा में हो रहे प्रयास अब परवान चढ़ने लगे हैं। संजय गांधी पीजीआइ लखनऊ की टीम ने एम्स ऋषिकेश पहुंचकर ऑर्गन ट्रांसप्लांट से संबंधित सभी तैयारियों का जायजा लिया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 21 Dec 2020 09:07 AM (IST)Updated: Mon, 21 Dec 2020 01:11 PM (IST)
एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रो. रविकांत। फाइल फोटो

हरीश तिवारी, ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में हार्ट, किडनी, लीवर सहित ऑर्गन ट्रांसप्लांट की दिशा में हो रहे प्रयास अब परवान चढ़ने लगे हैं। संजय गांधी पीजीआइ लखनऊ की टीम ने एम्स ऋषिकेश पहुंचकर ऑर्गन ट्रांसप्लांट से संबंधित सभी तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान सभी व्यवस्थाएं अनुकूल पाई गईं। टीम की ओर से रिपोर्ट जारी करने के बाद एम्स में ऑर्गन ट्रांसप्लांट का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

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एम्स ऋषिकेश ने देश में ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने वाले सर्वोच्च संस्थान में शामिल होने की तैयारी इस वर्ष जून से शुरू कर दी थी। नेशनल ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन एम्स को इस संबंध में अनुमति जारी कर चुका था। एम्स में ऑर्गन ट्रांसप्लांट की योजना स्थापना के समय से ही शामिल थी। इसी क्रम में एम्स प्रशासन ने जून में दो टीमों का गठन कर उनसे रिपोर्ट तैयार करने को कह दिया था। तब से टीम इस दिशा में निरंतर कार्य कर रही थीं। विदित हो कि एम्स ऋषिकेश में ऑर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा न होने से जरूरतमंद देश के बड़े चिकित्सा संस्थानों पर निर्भर हैं। स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन से अनुमति मिलनी थी। लेकिन, इसका उत्तराखंड में गठन ही नहीं हुआ है। सो, एम्स में ऑर्गन ट्रांसप्लांट के कार्य में विलंब का एक बड़ा कारण यह भी माना जा रहा है। एम्स में ऑर्गन ट्रांसप्लांट की ढांचागत सुविधाओं के साथ विशेषज्ञ चिकित्सकों और विशेषज्ञ स्टाफ की पर्याप्त व्यवस्था है। इस कार्य में ज्यादा विलंब न हो, इसके लिए एम्स प्रशासन की ओर से उत्तराखंड सरकार से मांग की गई कि संस्थान को ही सोटो का अधिकार दे दिया जाए। राज्य सरकार के आग्रह पर ही संजय गांधी पीजीआइ लखनऊ की टीम एम्स में ट्रांसप्लांट सुविधा एवं तैयारी का जायजा लेने शनिवार को यहां पहुंची थी। टीम में एसजीपीजीआइ के विभागाध्यक्ष यूरोलॉजी डॉ. अनीश श्रीवास्तव, विभागाध्यक्ष नेफ्रोलॉजी डॉ. नारायण प्रसाद शामिल रहे। टीम ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट से संबंधित सभी यूनिट और अनुभागों का जायजा लिया।

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एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रो. रविकांत ने कहा कि एसजीपीजीआइ लखनऊ की स्पेशल टीम ने हमारे यहां आधुनिक ओटी समेत अन्य सुविधाओं को परखा। व्यवस्थाओं को लेकर टीम काफी संतुष्ट दिखी। ट्रांसप्लांट होने के बाद मरीज के लिए स्पेशल आइसोलेशन यहां बनाया गया है। इसमें अभी दो बेड से शुरूआत की जाएगी। टीम की रिपोर्ट आने के बाद यहां ऑर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू कर दी जाएगी।

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