दून में अतिक्रमण हटाने को हफ्तेभर की मोहलत, अबतक चले अभियानों पर भी डालें एक नजर
हाईकोर्ट के आदेश पर दून में चलाए गए अतिक्रमण हटाओ अभियान के बाद भी तमाम अतिक्रमण व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रहे। सर्वाधिक मखौल प्रेमनगर में उड़ाया जा रहा है। प्रेमनगर निवासी आकाश यादव ने इसकी शिकायत हाईकोर्ट से की तो कोर्ट ने पूरे दून की स्थिति तलब कर ली।
देहरादून, जेएनएन। वर्ष 2018 में हाईकोर्ट के आदेश पर दून में चलाए गए अतिक्रमण हटाओ अभियान के बाद भी तमाम अतिक्रमण व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रहे हैं। सर्वाधिक मखौल प्रेमनगर क्षेत्र में उड़ाया जा रहा है। प्रेमनगर निवासी आकाश यादव ने इसकी शिकायत हाईकोर्ट से की तो कोर्ट ने पूरे दून की स्थिति तलब कर ली। साथ ही मुख्य सचिव (अतिक्रमण हटाने के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार) और लोनिवि सचिव को अवमानना की कार्रवाई की चेतावनी भी दे डाली। इससे शासन में खलबली की स्थिति है और मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने विभिन्न विभागों और टास्क फोर्स की बैठक लेकर अभियान का अपडेट लिया। उन्होंने निर्देश दिए कि अतिक्रमण के खिलाफ अविलंब अभियान शुरू किया जाए और जिन व्यक्तियों ने दोबारा अतिक्रमण किया है, उन पर मुकदमा दर्ज किया जाए।
शनिवार को हुई बैठक में मुख्य सचिव के निर्देश के बाद अतिक्रमण हटाओ टास्क फोर्स के अध्यक्ष नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस भी जारी कर दिया। नोटिस में कहा गया है कि जिन व्यक्तियों को पूर्व में अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किए गए थे, वह नोटिस प्रकाशित होने के एक सप्ताह के भीतर अतिक्रमण हटा दें। अन्यथा टास्क फोर्स बलपूर्वक अतिक्रमण हटा देगी औऱ इस पर आने वाला खर्च संबंधित व्यक्ति से वसूल किया जाएगा।
अधिकारी एक दूसरे पर टालते रहे जिम्मेदारी
मुख्य सचिव की बैठक में विभिन्न अधिकारी अतिक्रमण को लेकर एक दूसरे पर जिम्मेदारी भी डालते रहे। यह भी कहा गया कि पूर्व मुख्य सचिव ने अभियान की जिम्मेदारी आयुक्त पर डाली थी, मगर इस समय आयुक्त नए हैं। लिहाजा टास्क फोर्स को ही पूरी कमान संभालनी होगी।
अभियान पर एक नजर
जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने 18 जून 2018 को देहरादून में अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। इस आदेश पर प्रशासन ने 25 जून से चार जोन बनाते हुए करीब तीन महीने तक शहर में अतिक्रमण पर कार्रवाई की थी। आधा-अधूरा अतिक्रमण हटाने के बाद कार्रवाई धीमी पड़ गई। इसमें लगभग आठ हजार अतिक्रमण हटाए गए थे, जबकि नौ हजार से ज्यादा चिह्नित किए गए थे। फिर एक साल बाद सितंबर-2019 में फिर से अतिक्रमण पर जेसीबी गरजी, मगर ढाई हफ्ते बाद ही प्रशासन फिर बैकफुट पर आ गया और अभियान ठप हो गया। इसके बाद अभियान कभी पूरे मनोयोग से चलाया ही नहीं गया।
43 फीसद अतिक्रमण पूर्व चिह्नित
पूर्व में चलाए गए अभियान में टास्क फोर्स ने 4617 अतिक्रमण ध्वस्त किए, जबकि चिह्नीकरण आठ हजार से अधिक का किया गया। इस तरह देखें तो पूर्व में चिह्नित 43 फीसद से अधिक अतिक्रमण पर अभी भी कार्रवाई होनी शेष है। इसके अलावा यह भी दिख रहा है कि इस बीच नए अतिक्रमण भी खड़े हो चुके हैं।
पूर्व के अभियान की तस्वीर
जोन, ध्वस्तीकरण, चिह्नीकरण, सीलिंग
01, 763, 1192,01
02, 959, 2580, 18
03, 1036, 1515, 66
04, 1848, 2907, 41
कुल, 4617, 8198, 126
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