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भारत का भविष्य सुंदर बनाना सरकार का लक्ष्य: डॉ. हर्षवर्धन

संवाद सहयोगी, विकासनगर: शनिवार को आंचलिक विज्ञान केंद्र झाझरा में पंडित दीन दयाल उपाध्याय

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Dec 2017 08:03 PM (IST)Updated: Sat, 23 Dec 2017 08:03 PM (IST)
भारत का भविष्य सुंदर बनाना सरकार का लक्ष्य: डॉ. हर्षवर्धन
भारत का भविष्य सुंदर बनाना सरकार का लक्ष्य: डॉ. हर्षवर्धन

संवाद सहयोगी, विकासनगर: शनिवार को आंचलिक विज्ञान केंद्र झाझरा में पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्राम संकुल परियोजना का उद्घाटन केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ¨सह रावत व सहसपुर विधायक सहदेव पुंडीर ने संयुक्त रूप से किया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विज्ञान को गांवों तक पहुंचाकर भारत के भविष्य को उसके अतीत से सुंदर बनाना केंद्र सरकार का लक्ष्य है। इसके लिए परियोजना के प्रथम चरण के तहत उत्तराखंड में चार क्लस्टर बनाकर 62 गांवों के एक लाख लोगों को शामिल किया गया है। परियोजना के तहत ग्रामीणों को तकनीकी का उपयोग कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए विशेष योजनाएं संचालित की जाएंगी। कहा कि केंद्र सरकार का उद्देश्य हर नौजवान को रोजगार मुहैया कराना है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि, पशुपालन, डेयरी फार्मिंग में तकनीकी व विज्ञान का उपयोग कर उन्हे विकसित किया जा रहा है। जिससे ग्रामीणों को उनकी मेहनत का वाजिब परिणाम मिल सके। बताया कि केंद्र सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में उत्तराखंड में परियोजना के तहत सौ क्लस्टर स्थापित करना है।

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सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ¨सह रावत ने कहा कि गांवों में विज्ञान छिपा हुआ है। विज्ञान का उपयोग ग्रामीण क्षेत्र में अनुभव के आधार पर किया जाता है। उस अनुभव को संजोकर उसमें तकनीकी का इस्तेमाल कर गांव का विकास किया जा सकता है। कहा कि विकास को समावेशी बनाने की जरूरत है जिससे विकास स्थायी हो सके। समावेशी विकास से ही गांव व शहर दोनों की आर्थिक स्थित संतुलित रहेगी। इस दौरान यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल, ग्रामोदय के चेयरमैन डॉ. महेश शर्मा, गढ़वाल विश्व विद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. एएन पुरोहित, डॉ. चंद्रमोहन, डॉ. रश्मि आदि मौजूद रहे।

क्या है विज्ञान ग्राम संकुल परियोजना

उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों के उन्नयन और आर्थिक विकास के लिए भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 22 सितंबर, 2017 को 'पं. दीन दयाल उपाध्याय विज्ञान ग्राम संकुल परियोजना' का शुभारंभ किया। परियोजना का उद्देश्य विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्य उत्तराखंड में तकनीकी के बल पर गांवों को आत्मनिर्भर बनाना और रोजगार सृजन है। इस परियोजना के माध्यम से स्थानीय उत्पाद जैसे-दूध, शहद, मशरूम, हर्बल चाय, वनोत्पाद आदि का प्रसंस्करण करके मूल्य वृद्धि की योजना है। परियोजना को पूर्णतया लागू करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा तीन वर्ष का समय दिया गया है। इसके लिए केंद्र सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा 6.3 करोड़ रुपये की सहायता राशि जारी की गई है। प्रथम चरण में परियोजना उत्तराखंड के चार क्लस्टरों गैंडीखाता, बजीरा, भिगुन, कौसानी के 60 गांवों में क्रियान्वित की जा रही है।

बाल कवि की किताब का किया विमोचन

कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री व सूबे के मुख्यमंत्री ने स्थानीय बाल कवि मानवी की अंग्रेजी कविता की किताब का विमोचन किया। सीएम ने कहा कि बच्चों में रचनात्मकता व लेखन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए प्राथमिक स्तर से विशेष सहयोग देने की जरूरत है। सरकार प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को उत्कृष्ट लेखक, साहित्यकार, वैज्ञानिक व इंजीनियर व चिकित्सक बनाने के लिए इन विद्यालयों को हर संभव संसाधन मुहैया कराने का प्रयास कर रही है। एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करना सरकार की इसी योजना का पहला चरण है।


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