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Uttarakhand Budget 2020: अटल आयुष्मान के बजट में एक तिहाई कटौती

स्वास्थ्य के मोर्चे पर इस बार का बजट सतही नजर आता है। अटल आयुष्मान योजना के बजट में एक तिहाई की कटौती कर दी गई है।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Thu, 05 Mar 2020 01:02 PM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2020 01:02 PM (IST)
Uttarakhand Budget 2020: अटल आयुष्मान के बजट में एक तिहाई कटौती
Uttarakhand Budget 2020: अटल आयुष्मान के बजट में एक तिहाई कटौती

देहरादून, जेएनएन। स्वास्थ्य के मोर्चे पर इस बार का बजट सतही नजर आता है। अटल आयुष्मान योजना के बजट में एक तिहाई की कटौती कर दी गई है। पिछले साल की तुलना में स्वास्थ्य के लिए आवंटित बजट में करीब दो फीसद की मामूली वृद्धि की गई है। जबकि, स्वास्थ्य क्षेत्र में अवस्थापना से लेकर मानव शक्ति तक चुनौतियों का अंबार है। 

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पिछले साल वर्ष जहां 2427.71 करोड़ रुपये का बजट था, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण के लिए इस बार 2477.02 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। भविष्य का खाका रखते हुए भी बजट में उन्हीं बातों का दोहराव दिखता है जो एक अर्से से की जा रही हैं। यह अलग बात है कि स्वास्थ्य की दशा और दिशा फिर नहीं सुधर पाई है। 

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतरी हुई हैं। राज्य गठन के बाद अभी तक प्रदेश में आई सरकारें स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त करने में नाकाम रहीं हैं। इतना ही नहीं, सभी सरकारों ने इस बात को स्वीकार भी किया है कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना सबसे बड़ी चुनौती है। पर इस बजट में ऐसा कुछ ही करिश्माई नहीं दिखता, जिससे सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र की सूरत बदलने का दम भरे। 

यह स्थिति तब है जब जन सामान्य को स्वास्थ्य सेवाओं की सहज उपलब्धता सरकार की प्राथमिकता रही है। अटल आयुष्मान योजना के लिए भी गत वर्ष 150 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया था, जिसे घटाकर अब 100 करोड़ रुपये कर दिया गया है। 

विश्व बैंक पोषित उतराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत सरकार का पूरा फोकस लोक निजी सहभागिता पर है। पीपीपी मोड से यह लगाव जन स्वास्थ्य के लिहाज से कितना मुफीद होगा यह आने वाला वक्त ही बताएगा। बहरहाल, बजट को देख यही प्रतीत होता है कि उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाएं केंद्र की बैसाखी के ही सहारे हैं। किसी भी बड़े बदलाव के लिए सरकारें केंद्र का मुंह ताकती रही हैं और इस बार भी राज्य के बजट में ऐसा कुछ नहीं दिखता जो स्वास्थ्य क्षेत्र का कायाकल्प कर दे। 

बजट में खास 

- पूर्व में 1081 चिकित्सक कार्यरत थे, जिनकी संख्या बढ़कर 2096 हो गई है। चिकित्सा चयन आयोग द्वारा की जा रही 314 चिकित्सकों की भर्ती। 

- 311 स्वास्थ्य उपकेंद्र हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों का उच्चीकरण, इस साल 400 और स्वास्थ्य उपकेंद्र होंगे उच्चीकृत। 

- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत 380.50 करोड़ रुपये का प्रविधान। 

- वर्तमान में कार्यरत 11086 आशाओं के अलावा 556 नई आशाओं का होगा चयन। 

- उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट परियोजना के लिए 60 करोड़ रुपये का बजट। 

- अल्मोड़ा व रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज के बाद अब पिथौरागढ़ व हरिद्वार मेडिकल कॉलेज को प्रयास। 

- राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के लिए 110 करोड़, अल्मोड़ा के लिए 89.15 करोड़ व दून मेडिकल कॉलेज के लिए 96.79 करोड़ रुपये का प्रविधान। 

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बजट के ये भी आकर्षण 

- प्रदेश में मुख्यमंत्री सौभाग्यवती योजना शुरू होगी शुरू। योजना के तहत प्रथम प्रसव में बालिका के जन्म पर धात्री माताओं को किट वितरित किए जाएंगे। जिसके लिए 17.50 करोड़ का किया गया प्रावधान। 

- 'हमारी कन्या हमारा अभिमान' के तहत कन्या के जन्म के प्रति सकारात्मक सोच स्थापित करने के लिए शुरू की गई नंदा गौरी योजना के तहत 80 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित। 

- राज्य में बच्चों के पोषण में सुधार, शारीरिक विकास व आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रवेश के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बाल पलाश योजना प्रतिमाह कर दी गई है।

- गर्भवती/धात्री माताओं में एनीमिया एवं मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्भवती/धात्री माताओं को अंडा, केला एवं दूध वितरण के लिए मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना।

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