वन नेशन वन कार्ड पर अंगूठे की छाप का पेच, स्वास्थ्य महकमे से मांगा परामर्श
वन नेशन वन कार्ड के तहत प्रवासियों को खाद्यान्न देने में उनके अंगूठे की छाप की जरूरत पड़ेगी। खाद्य महकमे ने स्वास्थ्य महकमे से अंगूठे की छाप लेने के बारे में परामर्श मांगा है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। वन नेशन वन कार्ड के तहत अंत्योदय व प्राथमिक परिवार राशनकार्डधारक प्रवासियों को दो महीने तक मुफ्त खाद्यान्न देने की कसरत खाद्य महकमे ने शुरू कर दी है। प्रवासियों को खाद्यान्न देने में उनके अंगूठे की छाप की जरूरत पड़ेगी। कोरोना काल में बायोमेट्रिक पर पाबंदी देखते हुए खाद्य महकमे ने स्वास्थ्य महकमे से अंगूठे की छाप लेने के बारे में परामर्श मांगा है।
केंद्र सरकार भी विभिन्न राज्यों से लौटने वाले प्रवासियों को दो माह मई और जून में मुफ्त खाद्यान्न देने की घोषणा कर चुकी है। वन नेशन वन कार्ड योजना के तहत जिन प्रवासियों के अन्य राज्यों में सफेद या गुलाबी राशनकार्ड बने थे, उन्हें प्रति यूनिट पांच किलो मुफ्त खाद्यान्न दिया जाएगा। सफेद राशनकार्ड अंत्योदय और गुलाबी राशनकार्ड राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अभियान के प्राथमिक परिवारों के हैं।
कोरोना की वजह से प्रदेश में राशन की दुकानों में बायोमीट्रिक्स का इस्तेमाल बंद है। वन नेशन वन कार्ड योजना के तहत उन्हें खाद्यान्न देने के लिए कार्डधारकों के अंगूठे का छाप लेना होगा। खाद्य सचिव सुशील कुमार ने कहा कि अन्य राज्यों से आने प्रवासी कार्डधारकों के अंगूठे की छाप लेने के बारे में स्वास्थ्य महकमे से परामर्श लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राशनकार्ड से वंचित प्रवासियों को खाद्यान्न देने के लिए उनका भी ब्योरा जुटाया जा रहा है।
स्मार्ट राशनकार्ड अगस्त तक बनेंगे
प्रदेश के सभी 23 लाख से ज्यादा राशनकार्डधारकों के वन नेशन वन कार्ड योजना के तहत नए स्मार्ट राशनकार्ड बनने में अभी वक्त लगेगा। आगामी अगस्त माह तक यह कार्य पूरा किया जाएगा। राज्य सरकार ने देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर समेत प्रदेश के पांच जिलों में नए स्मार्ट राशनकार्ड बनाने का जिम्मा गुजरात की कंपनी को सौंपा है। शेष आठ जिलों में यही कार्य दो कंपनियों को मिला है। खाद्य सचिव सुशील कुमार ने बताया कि स्मार्ट राशनकार्ड बनाने का काम लॉकडाउन की वजह से प्रभावित हुआ है। कंपनियों को दोबारा यह काम शुरू करने के लिए कहा जाएगा।
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