बीस दिन में शिकायतों का निस्तारण करें अधिकारी
ऋषिकेश तहसील में आयोजित तहसील दिवस में जिलाधिकारी देहरादून ने जन समस्याएं सुनी। तहसील दिवस में सड़क बिजली पानी व पेंशन संबंधी मुद्दे छाए रहे। जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को बीस दिन के भीतर सभी शिकायतों का निस्तारण करने के आदेश दिए।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :
ऋषिकेश तहसील में आयोजित तहसील दिवस में जिलाधिकारी देहरादून ने जन समस्याएं सुनी। तहसील दिवस में सड़क, बिजली, पानी व पेंशन संबंधी मुद्दे छाए रहे। जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को बीस दिन के भीतर सभी शिकायतों का निस्तारण करने के आदेश दिए।
मंगलवार को ऋषिकेश में तहसील दिवस पर जिलाधिकारी देहरादून आशीष श्रीवास्तव ने 135 से अधिक शिकायतें सुनी। जिनमें से कुछ शिकायतों का मौके पर ही विभागीय अधिकारियों ने निस्तारण किया। जबकि अधिकांश शिकायतें संबंधित विभागों को रेफर की गई। एक महिला अपनी शिकायत लेकर जिलाधिकारी के सामने फफक-फफक कर रो पड़ी, जिस पर जिलाधिकारी ने जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया। पार्षद राकेश सिंह ने तहसील चौक से रिलायंस ऑफिस प्रगति विहार तक नाली तथा सड़क के निर्माण के साथ अन्य समस्याओं का समाधान किए जाने की मांग की। बार एसोसिएशन ने कोर्ट कंपाउंड में चेंबर सहित अन्य मांगों को लेकर डीएम को पत्र सौंपा। वरिष्ठ नागरिक कल्याण संगठन ने बंगाला नाले में हो रहे अवैध खनन की शिकायत कर वन विभाग, राजस्व विभाग व सिचाई विभाग को निर्देशित करने की मांग की। वहीं भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ज्योति सजवाण ने नए अधिनियम से प्रभावित हुए मीट व्यवसाय की समस्या से डीएम को अवगत कराया। उन्होंने नई व्यवस्था होने तक व्यवसायियों को यथावत व्यवसाय की अनुमति देने की मांग की। कुछ लोगों ने राजमार्ग पर हो रहे अतिक्रमण, रायवाला में युवा कल्याण विभाग की भूमि पर हो रहे अतिक्रमण की शिकायत दर्ज कराई। तहसील दिवस में मुख्य विकास अधिकारी नितिका खंडेलवाल, डीएफओ देहरादून राजीव धीमान, एसडीएम ऋषिकेश प्रेमलाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मीनाक्षी जोशी, पुलिस क्षेत्राधिकारी वीरेंद्र सिंह रावत, तहसीलदार रेखा आर्य, जिला विकास अधिकारी प्रदीप पांडे, ब्लॉक प्रमुख भगवान सिंह पोखरियाल, जिला पूर्ति अधिकारी जशवंत सिंह कंडारी सहित ऊर्जा निगम, राष्ट्रीय राजमार्ग खंड, जल संस्थान, एमडीडीए, लोनिवि के अधिशासी अभियंता व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
शिकायत की गठरी सिर पर रखकर पहुंचा फरियादी
तहसील दिवस में एक फरियादी कुंवर सिंह रौथाण अपनी शिकायतों की गठरी सिर पर रखकर डीएम के समक्ष पहुंचे। कुंवर सिंह ने बताया कि वर्ष 1975 में नसबंदी अभियान के दौरान उन्होंने नसबंदी करवाई थी, तब सरकार की ओर से नसबंदी करने वालों को भूमि आवंटित किए जाने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन 45 वर्षों के बाद भी अभी तक भूमि उपलब्ध नहीं हो पाई है। इन 45 वर्षों में वह तमाम अधिकारियों तक अपनी आवाज पहुंचा चुके हैं। मगर, भूमि का आवंटन नहीं हो पाया। जिलाधिकारी ने 10 दिन के भीतर इस मामले में समाधान करने का आश्वासन देते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
जब जिलाधिकारी भी हुए भावुक
तहसील दिवस में एक महिला अनीता हिमदान शिक्षा का अधिकार के तहत अपने बच्चों का ऐडमिशन न होने की शिकायत लेकर डीएम के समक्ष पहुंची। महिला ने बताया कि उनका आय प्रमाण पत्र नहीं बन पाया है, जिससे उनके तीन बच्चों के ऐडमिशन आरटीई के तहत नहीं हो पाए हैं। उन्होंने बताया कि उनकी तरह अन्य अभिभावक भी आय प्रमाण पत्र न बनने के कारण परेशान हैं। यह कहते हुए महिला फफक-फफक कर रो पड़ी। जिसपर जिलाधिकारी भी भावुक हो गए, और उन्होंने स्वयं बच्चों की फीस देने का आश्वासन दिया। महिला ने इतना तक कह दिया कि दिल्ली की आप सरकार में यहां से ज्यादा ईमानदारी के साथ सुनवाई होती है।