स्थानांतरण में चहेतों का रखा खास ध्यान
जागरण संवाददाता, देहरादून: बाल एवं महिला विकास निदेशालय की ओर से सुगम-दुर्गम क्षेत्रों में हुए स्थान
जागरण संवाददाता, देहरादून: बाल एवं महिला विकास निदेशालय की ओर से सुगम-दुर्गम क्षेत्रों में हुए स्थानांतरण में चहेतों का खास ध्यान रखा गया है। कर्मचारियों का आरोप है कि एक्ट में 10 फीसद पदों पर स्थानांतरण का प्रावधान है, लेकिन अधिकारियों ने 15 से 16 फीसद पदों पर स्थानांतरण किया है। हैरानी की बात ये भी है कि स्थानांतरण से पहले कर्मचारियों से विकल्प के तौर पर स्थान तो मांगे गए, लेकिन किसी विकल्प को प्राथमिकता ही नहीं दी गई। जबकि कई ऐसे भी कर्मचारी हैं जो लंबे समय से निदेशालय व जिले के सुगम क्षेत्रों में ही डटे हैं।
उत्तराखंड बाल विकास मिनिस्टीरियल कर्मचारी एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि निदेशालय के अधिकारियों ने स्थानांतरण में नियमों का पालन नहीं किया गया। कहा कि विभाग में वरिष्ठ प्रशासनिक, प्रशासनिक अधिकारी, लेखाकार समेत करीब 156 मिनिस्टीरियल कर्मचारी के पद हैं। नियमानुसार, इनमें 10 फीसद पदों का स्थानांतरण होना था, लेकिन अधिकारियों ने 22 से 24 कर्मचारियों का स्थानांतरण किया है। कहा कि अधिकारियों ने सुनियोजित तरीके से नियम विरुद्ध स्थानांतरण किए हैं। बचने के लिए विभाग समायोजन का तर्क दे रहा है। कहा कि कर्मचारियों से मांगे गए विकल्पों पर स्थानांतरण नहीं हुए हैं। उन्होंने नियम विरुद्ध किए गए स्थानांतरणों में संशोधन करने की मांग की।
---------
अधिकारियों के पीछे घूमने का मिला तोहफा
संगठन के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि निदेशालय में तैनात एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी लंबे समय से निदेशालय व आसपास के सुगम क्षेत्र में ही डटे हैं। आरोप लगाया कि अधिकारियों के पीछे घूमने वाले कर्मचारियों पर मेहरबानी बरती गई। कई अन्य कर्मचारियों का भी सुगम से सुगम में भेजा गया। कई को तो दुर्गम से दुर्गम में ही भेजा है।