अगर तीन साल का है अनुभव तो कर सकते हैं सस्ते आवास का निर्माण
अब प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कोर्इ भी बिल्डर, जिसके पास तीन साल का अनुभव हो आवास का निर्माण कर सकता है।
देहरादून, [सुमन सेमवाल]: उत्तराखंड आवास नीति में प्रधानमंत्री आवास योजना को गति देने के लिए भरसक प्रयास किए गए हैं। कोई भी वह बिल्डर योजना में सरकार के लिए सस्ते आवास बना सकता है, जिसके पास तीन साल की अवधि में कुल एक हेक्टेयर भूमि पर आवास निर्माण का अनुभव हो। इस संबंध में जल्द शासनादेश भी जारी कर दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना में वर्ष 2022 तक करीब 34 हजार सस्ते आवासों का निर्माण किया जाना है। इसमें 15 हजार आवास का निर्माण सिर्फ दून में किया जाना है। जबकि अभी तक प्रदेश में 3130 आवासों पर ही तस्वीर साफ हो पाई है। अभी तक सिर्फ एक निजी बिल्डर ने सस्ते आवास बनाने में दिलचस्पी दिखाई है। निजी बिल्डरों की भागीदारी बढ़ाने के लिए ही सरकार ने आवास नीति के नियमों में कई ऐसे प्रावधान किए, जिससे वह योजना की तरफ आकर्षित हो सकें।
उडा के कार्यक्रम प्रबंधक कैलाश पांडे के अनुसार, नीति के नियमों पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है और जल्द इसका शासनादेश भी जारी कर दिया जाएगा। हालांकि, इससे पहले बिल्डरों से प्रस्ताव मांगने का काम भी शुरू कर दिया गया है। उम्मीद है कि अब सस्ते आवास निर्माण में बिल्डरों का रुझान बढ़ जाएगा।
अधिकतम 90 दिन में बदलेगा भूपयोग
उडा के कार्यक्रम प्रबंधक पांडे ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत यदि किसी बिल्डर को भूपयोग परिवर्तित करना है तो इसके लिए उसे पूरा सहयोग दिया जाएगा। ऐसे आवेदन को अधिकतम 30 दिन में उडा पास करके शासन को भेजेगा और आगे की कार्रवाई के लिए शासन को अधिकतम 60 दिन का समय दिया गया है। इस तरह अधिकतम 90 दिनों के भीतर भूपयोग परिवर्तन के प्रकरणों का निस्तारण किया जाना है।
छह लाख में देना होगा आवास
संबंधित बिल्डर को ईडब्ल्यूएस आवास लाभार्थी को छह लाख रुपये में घर देना होगा। इसके लिए ढाई लाख रुपये की राशि लाभार्थी को केंद्र व राज्य सरकार से मिलेगी, जबकि शेष राशि का प्रबंध लाभार्थी को बैंक ऋण से करवाया जा सकता है। बिल्डर चाहें तो 100 फीसद आवास एलआइजी बना सकते हैं या निर्धारित संख्या में उसके साथ अन्य श्रेणी के आवास भी बनाए जा सकते
इस तरह की भूमि पर निर्माण संभव
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सस्ते आवास का निर्माण निजी भूमि पर या पार्टनरशिप में किया जा सकता है। किसी भूमि पर पावर ऑफ अटॉर्नी मिलने पर भी निर्माण संभव है।
निर्माण के लिए क्षेत्रफल भी तय
बिल्डर ईडब्ल्यूएस आवास का मनमाना निर्माण न कर दें, इसके लिए तय किया गया है कि इसका आकार कम से कम 30 वर्गमीटर जरूरी है। दरवाजों की बात करें तो चौखट लोहे की होगी, जबकि दरवाजे लकड़ी के होंगे और फर्श पर टाइल्स लगी होंगी। निर्माण के लिए विभिन्न डिजाइन भी तय किए गए हैं।
इन आवास पर स्थिति साफ
देहरादून, 1740
ऊधमसिंह नगर, 1872
हरिद्वार, 528
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