देरी से आने पर भी छात्राओं को मिल सकेगी एंट्री
जागरण संवाददाता, देहरादून: अब कॉलेजों में देरी से आने पर भी छात्राओं को प्रवेश करने से रोका न
जागरण संवाददाता, देहरादून: अब कॉलेजों में देरी से आने पर भी छात्राओं को प्रवेश करने से रोका नहीं जाएगा। संभव है कि ऐसा न करने पर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की जाए। दरअसल, राज्य महिला आयोग ने देर से आने वाली छात्राओं को कॉलेज के अंदर नहीं आने देने को छात्राओं की सुरक्षा के लिए खतरा माना है। डर है कि कहीं इस बीच छात्रा के साथ कोई अप्रिय घटना न घटे। इसके लिए आयोग ने शिक्षामंत्री को भी पत्र लिखा है।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सरोजनी कैंतुरा ने बताया कि उनके पास कॉलेज की छात्राओं की कई समस्याएं आई हैं। इसलिए उन्हें यह कदम उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि कॉलेजों में निर्धारित समय से देरी पर आने पर छात्राओं को सजा के रूप में कॉलेज में प्रवेश नहीं करने दिया जाता। इससे छात्राओं को मजबूरन इधर-उधर भटकना पड़ता है। ऐसे में राह में घूम रहे मनचले छात्राओं केसाथ छेड़खानी व अभद्र व्यवहार भी करते हैं। उन्होंने कहा कि भले ही इस सजा का उद्देश्य छात्रा को अनुशासित बनाना हो, लेकिन उनकी सुरक्षा के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है। आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि इस संबंध में कॉलेजों को भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
सड़क-दुर्घटनाएं भी हैं कारण
आयोग की अध्यक्ष कैंतुरा ने कहा कि छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश न देने पर यह देखा जाता है कि वे दोस्तों के साथ घूमने चले जाती हैं। क्योंकि घर पर यह बताना उचित नहीं लगता, कि उन्हें कॉलेज में प्रवेश नहीं मिला। ऐसे में सड़क-दुर्घटनाओं की भी संभावनाएं बनी रहती है।
शिकायत मिली तो होगी कार्रवाई
आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि अगर किसी भी कॉलेज ने आदेश का पालन नहीं किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। कहा कि अगर आयोग में इस संबंध में कोई भी शिकायत आती है तो इसके लिए संबंधित कॉलेज प्रशासन जवाबदेह होगा। समय-समय पर आयोग मॉनीट¨रग भी करेगा।