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उच्च तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र अब पलायन से होंगे रूबरू, जानिए कैसे

उच्च तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र भी रूबरू होंगे और पलायन रोकने के उपाय तलाशेंगे। ये ज्वलंत मुद्दा यूटीयू के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनने जा रहा है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 04:54 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 04:54 PM (IST)
उच्च तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र अब पलायन से होंगे रूबरू, जानिए कैसे
उच्च तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र अब पलायन से होंगे रूबरू, जानिए कैसे

देहरादून, अशोक केडियाल। पहाड़ से पलायन की पीड़ा से उच्च तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र भी रूबरू होंगे और पलायन रोकने के उपाय तलाशेंगे। राज्य की सबसे ज्वलंत समस्या पलायन उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय (यूटीयू) के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनने जा रहा है। यूटीयू के छात्र व शिक्षक, राज्य ग्रामीण विकास और पलायन आयोग (आरडीएमसी) के सहयोग से पलायन पर अध्ययन करेंगे। मुख्यमंत्री सेवा योजना के तहत छात्र सामाजिक गतिविधियों के अंतर्गत पलायन के कारणों का गांव-गांव जाकर पता लगाएंगे और उसका समाधान तलाशेंगे। 

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विदित है कि राज्य में पलायन की समस्या बहुत गंभीर हो चुकी है। वर्ष 2001 में जहां मानवविहीन हो चुके गांवों की संख्या 968 थी, वह आज 1702 हो पहुंच गई है। सैकड़ों की संख्या में गांव खाली होने के कगार पर खड़े हैं। एक करोड़ एक लाख से अधिक आबादी वाले उत्तराखंड में महज 35 लाख लोग ही पर्वतीय क्षेत्रों में रह गए हैं। 13 में से राज्य के नौ जिले पूरी तरह से पर्वतीय हैं जो पलायन की पीड़ा से सुबक रहे हैं। पलायन आयोग के अप्रैल 2019 के आंकड़ों के अनुसार उत्तराखंड में 25 साल से कम आयु वर्ग के 28.66 फीसद युवा व 26 से 35 आयु वर्ग के 42.25 फीसद जनसंख्या पलायन को विवश है। यूटीयू मुख्यमंत्री सेवा योजना के तहत पलायन रोकने के लिए सामाजिक कार्य करेगा, जो छात्रों के पाठ्यक्रम का हिस्सा होगा। 

यूटीयू के कुलपति प्रो. एनएस चौधरी का कहना है कि पलायन को उत्तराखंड तकनीकी विवि के डिग्री पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जा रहा है। विवि में पढ़ने वाले विद्यार्थी सामाजिक कार्य के रूप में पलायन रोकने को लेकर अध्ययन एवं रिपोर्ट तैयार करेंगे। अध्ययन के लिए राज्य के 19 ब्लॉकों का चयन किया गया है। मुख्यमंत्री सेवा योजना के तहत शिक्षा संस्थानों को निर्धारित की गई गाइडलाइन के अनुरूप विवि इस दिशा में काम कर रहा है। 

राज्य में यह है पलायन की तस्वीर 

जिला, पलायन कर जिला मुख्यालय आए, पलायन कर राज्य के अन्य जिलों में गए, पलायन कर राज्य के बाहर गए (पलायन फीसद में) 

उत्तरकाशी, 20.27, 22.37, 17.34 

चमोली, 13.34, 50.48, 15.88 

रुद्रप्रयाग, 12.66, 40.51, 25.69 

टिहरी,9.42, 40.78, 28.98 

देहरादून, 23.67,8.08,10.46 

पौड़ी, 9.55, 36.15, 34.15 

पिथौरागढ़, 33.07,34.33,16.67 

बागेश्वर, 22.00, 37.19,25.18 

अल्मोड़ा,13.00,32.37,47.08 

चंपावत, 16.86, 36.24,32.59 

नैनीताल, 17.93,21.47,24.64 

उधम सिंह नगर, 8.48,28.04,31.11 

हरिद्वार, 18.29,16.10, 20.85 

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