अब जापान की जायका से रुकेगा उत्तराखंड में भूस्खलन
उत्तराखंड के वन एवं पर्यावरण मंत्री डा हरक सिंह रावत ने जापान में जायका के वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक कर भू-स्खलन के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त की।
देहरादून, [जेएनएन]: जापान की जायका जापान (इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी) की तकनीकी उत्तराखंड में भूस्खलन को रोकेगी। इसके लिए वन एवं पर्यावरण मंत्री डा हरक सिंह रावत के साथ उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल जापान गया हुआ है।
जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जायका) के आमंत्रण पर जापान पहुंचे प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने जायका के वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक कर भू-स्खलन के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त की। मंगलवार को जापान दौरे के पहले दिन ही वन एवं पर्यावरण मंत्री डा हरक सिंह रावत के साथ गए उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने जायका की सीनियर वाइस प्रेजीडेंट सुजुकी नोरिको के नेतृत्व में जायका के प्रतिनिधिमंडल से जापान में भू-स्खलन एवं उसके ट्रीटमेंट की तकनीक को लेकर विस्तृत वार्ता की।
गौरतलब है कि जापान भी उत्तराखंड की भांति वन क्षेत्र को लेकर समानता रखता है और वहां भी अधिकांश प्रतिशत भू-भाग वन क्षेत्र में आता है। पहाड़ी क्षेत्रों में व्यापक भू-स्खलन के बाद उसके ट्रीटमेंट के लिए ही जायका की स्थापना की गई थी। जायका ने भू-स्खलन प्रभावी क्षेत्रों का व्यापक ट्रीटमेंट करते हुए पूरी दुनिया के सामने अपनी तकनीक की मिशाल पेश की। जायका ने उत्तराखंड के साथ अपनी तकनीक को साझा करने पर भी सहमति जताई।
डॉ रावत ने जापान की फारेस्ट्री एजेंसी के महानिदेशक ओकी से भी मुलाकात कर भू-स्खलन को रोकने की तकनीक के विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा की। उत्तराखंड की ओर से वन मंत्री के साथ मुख्य सचिव एस रामास्वामी, पीसीसीएफ (मानव संसाधन) मोनिश मलिक, जायका के मुख्य परियोजना अधिकारी अनूप मलिक एवं उप निदेशक राजाजी पार्क किशन चन्द आदि शामिल हैं।