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अब पता चलेगा कि उत्तराखंड में असंगठित क्षेत्र के कितने श्रमिक, जानिए कैसे

असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की वास्तविक संख्या है अब इसे लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी। इस कड़ी में अगले वर्ष होने वाले सर्वेक्षण के मद्देनजर राज्य में कवायद शुरू हो गई है। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का डाटा बेस तैयार करने को कार्ययोजना बनाई जाएगी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 02:08 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 02:08 PM (IST)
अब पता चलेगा कि उत्तराखंड में असंगठित क्षेत्र के कितने श्रमिक।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की वास्तविक संख्या है, अब इसे लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी। इस कड़ी में अगले वर्ष होने वाले सर्वेक्षण के मद्देनजर राज्य में कवायद शुरू हो गई है। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का डाटा बेस तैयार करने को कार्ययोजना बनाने और अनुश्रवण के लिए शासन स्तर से श्रमायुक्त दीप्ति सिंह और प्रभारी अपर श्रमायुक्त अनिल पेटवाल को नोडल अधिकारी बनाया गया है। 

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सचिव श्रम हरबंस सिंह चुघ की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।प्रदेशभर में भवन व अन्य सन्निर्माण कार्यों, छोटी इकाइयों, योजनाओं, व्यापारिक प्रतिष्ठानों में बड़ी संख्या में श्रमिक कार्यरत हैं। इसके अलावा खेतिहर श्रमिक, फड़, रेहड़ी-ठेली लगाने वाले श्रमिकों की बड़ी तादाद है। अनुमान है कि प्रदेशभर में इनकी संख्या 15 से 20 लाख के करीब हो सकती है, लेकिन सर्वे न होने के कारण सही आंकड़ा नहीं है। 

सूरतेहाल, असंगठित क्षेत्र के इन श्रमिकों को केंद्र एवं राज्य सरकारों की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।इस सबको देखते हुए केंद्र सरकार ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का सर्वे कराने का निर्णय लिया है। इसी कड़ी में उत्तराखंड में भी कवायद चल रही है। सचिव श्रम हरबंस सिंह चुघ के अनुसार केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के सर्वे के मद्देनजर कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। 

वहीं, नोडल अधिकारियों को यह जिम्मा सौंपा गया है। उन्होंने बताया कि अगले वर्ष होने वाले इस सर्वेक्षण के तहत श्रमिकों का डाटा बेस तैयार किया जाएगा। इससे इनकी सही संख्या सामने आ सकेगी। साथ ही यह भी पता चल सकेगा कि असंगठित क्षेत्र के कितने श्रमिकों ने यहां से पलायन किया है।

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