अब पतंजलि के साथ 750 वन पंचायतों में काम करेगी सरकार
पतंजलि और राज्य सरकार मिलकर एक और क्षेत्र में काम करने वाले हैं। इसबार राज्य सरकार पतंजलि के साथ 750 वन पंचायतों में काम करेगी।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश सरकार पतंजलि योग संस्थान के साथ प्रदेश की 750 वन पंचायतों में जड़ी-बूटी कृषिकरण एवं प्रोसेसिंग का कार्य करेगी। वन मंत्री हरक सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को इसके लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
विधानसभा में वन मंत्री हरक सिंह रावत और पतंजलि योग संस्थान के मुख्य अधिशासी अधिकारी आचार्य बालकृष्ण के बीच जड़ी-बूटी उत्पादन के क्षेत्र में वन पंचायतों की अधिक से अधिक सहभागिता निभाने के संबंध में बैठक हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि पतंजलि इन वन पंचायतों में पैदा होने वाली जड़ी-बूटी का सर्वे, पौध की उपलब्धता के लिए नर्सरी विकसित करने, बेरोजगार युवाओं को जड़ी-बूटी संकलन कार्य से जोड़ने तथा काश्तकारों से सपोर्ट प्राईज पर जड़ी-बूटी खरीदने का कार्य करेगा। वन मंत्री ने पतंजलि से पौध रोपण, उत्पादन स्थल के आसपास प्राइमरी प्रोसेसिंग सेंटर स्थापित करने तथा काश्तकारों को प्रशिक्षण देने के लिए कार्यक्रम कराने का भी अनुरोध किया।
वन मंत्री ने कहा कि बीते दिनों मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में ऋषिकेश स्थित सुशीला तिवारी हर्बल गार्डन को विकसित करने के लिए पतंजलि को लीज पर देने की संस्तुति की गई थी। उन्होंने इसके क्रियान्वयन के निर्देश दिए। उन्होंने पतंजलि से अपेक्षा की कि यहां लगभग 18 हजार प्रजातियों की जड़ी-बूटी उगाई जाएं ताकि काश्तकार अपने क्षेत्र के अनुकूल मौसम के हिसाब से जड़ी-बूटी यहां से प्राप्त कर सकें। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव डॉ. रणवीर सिंह, प्रबंध निदेशक ईको टूरिज्म अनूप मलिक व अपर सचिव वन डॉ. धीरज पांडेय आदि उपस्थित थे।
वन निगम में लकड़ी की होगा ई-नीलामी
वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि कि वन निगम की लकड़ी विक्रय प्रक्रिया को ई-नीलामी के माध्यम से बेचा जाए। इससे प्रदेश के राजस्व में 20 प्रतिशत की आमदनी बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने अपर मुख्य सचिव डॉ. रणवीर सिंह की अध्यक्षता में ई-नीलामी सॉफ्टवेयर तैयार कर इसके माध्यम से बिक्री के लिए शीघ्र बैठक बुलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसमें एनआइसी के निदेशक राजेश गोयल, तकनीकी निदेशक जेजेएस बिष्ट व सामान्य प्रबंधक वन विकास निगम के मुरलीधर रावत को भी शामिल करने के निर्देश दिए।
यह भी पढ़ें: ग्रामीणों ने पेश की मिसाल, गांव तक पहुंचाई सड़क
यह भी पढ़ें: आजादी के बाद पहली बार इस गांव में जलेगा बिजली का बल्ब
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के सात जिलों के 1320 तोक में विद्युतीकरण शुरू