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ई-वे बिल की अधिसूचना, विरोध दरकिनार

राज्य सरकार ने गुरुवार को ई-वे बिल की अधिसूचना जारी कर दी है। राज्य में 50 हजार से अधिक सामान की खरीद, बिक्री और आवागमन के लिए ई-वे बिल जरूरी होगा।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 01 Dec 2017 02:50 PM (IST)Updated: Fri, 01 Dec 2017 09:18 PM (IST)
ई-वे बिल की अधिसूचना, विरोध दरकिनार
ई-वे बिल की अधिसूचना, विरोध दरकिनार

देहरादून, [रविंद्र बड़थ्वाल]: प्रदेश में कर चोरी रोकने के लिए सरकार ने ठोस और साहसिक कदम उठा ही लिया। कारोबारियों के विरोध के बीच राज्य सरकार ने गुरुवार को ई-वे बिल की अधिसूचना जारी कर दी है। राज्य में 50 हजार से अधिक सामान की खरीद, बिक्री और आवागमन के लिए ई-वे बिल जरूरी होगा। कारोबारियों के लिए फिलहाल राहत की बात ये है कि अधिसूचना जारी होने के बावजूद ई-वे बिल लागू करने की तारीख तय करने का अधिकार राज्य कर आयुक्त को दिया गया है। माना जा रहा है कि अगले माह दिसंबर के दूसरे पखवाड़े से इसे लागू किया जाएगा। 

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जीएसटी पर अमल में उत्साह दिखाने के बाद राज्य सरकार ने अब ई-वे बिल को लेकर भी अपना रुख साफ करने में देर नहीं लगाई। राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद वित्त प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी ने ई-वे बिल की अधिसूचना जारी कर दी है। उत्तराखंड ने ई-वे बिल का कर्नाटक मॉडल लागू किया है। कर्नाटक में इस पर अमल किया जा चुका है। इस मॉडल के आधार पर विभागीय साफ्टवेयर तैयार किया गया है। प्रदेश के भीतर माल की आवाजाही, प्रदेश के बाहर से माल को मंगाने और बाहर भेजने के लिए ई-वे बिल जरूरी होगी। ई-वे बिल के लिए माल की 154 श्रेणियां तय की गई हैं। इनमें जीवित घोड़े, गधे, खच्चर, मुर्गी, पक्षी, कीट, मांस से लेकर फल, सब्जी, खाद्यान्न, तेल समेत तमाम तरह के सामान का ब्योरा दिया गया है। 

अधिसूचना के मुताबिक ई-वे बिल के लिए कारोबारियों को दो या चार डिजिट का एचएसएन (हारमोनाइज्ड सिस्टम ऑफ नॉमेनक्लेचर) लेना आवश्यक होगा। माल खरीदने अथवा बेचने वाले का जीएसटी में पंजीकरण न होने अथवा उन्हें जीएसटी नंबर आवंटित नहीं होने की स्थिति में भी ई-वे बिल अनिवार्य किया गया है। इस स्थिति में माल को ट्रांसपोर्ट करने वाली एजेंसी ई-वे बिल मुहैया कराएगी।

ई-वे बिल लागू होने की तिथि से 100 किमी तक एक दिन और प्रत्येक सौ किमी या उसके बाद उसके भाग के लिए एक अतिरिक्त दिन तक मान्य होगा। इस अधिसूचना का पालन नहीं करने पर या त्रुटिपूर्ण या अधूरी सूचना दाखिल करने पर संबंधित कारोबारी के खिलाफ उत्तराखंड माल और सेवा कर अधिनियम-2017 की धारा 129 के तहत कार्रवाई या जुर्माना लगाया जाएगा।

अधिसूचना में ई-वे बिल के लिए सूचना दाखिल करने की प्रक्रिया भी दी गई है। वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कर महकमे के अधिकारियों को जीएसटी क्रियान्वयन में पेश आ रही दिक्कतें दूर करने के निर्देश के साथ ही ई-वे बिल 15 दिसंबर से लागू करने को कहा है।

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