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ऋषिकेश के विस्थापित क्षेत्र में बने बहुमंजिला भवनों को नोटिस Dehradun News

ऋषिकेश क्षेत्र के एमडीडीए के नियंत्रण में आते ही अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अब तक एमडीडीए 30 निर्माण को सीलिंग नोटिस जारी कर चुका है।

By BhanuEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 01:24 PM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 01:24 PM (IST)
ऋषिकेश के विस्थापित क्षेत्र में बने बहुमंजिला भवनों को नोटिस Dehradun News
ऋषिकेश के विस्थापित क्षेत्र में बने बहुमंजिला भवनों को नोटिस Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। ऋषिकेश क्षेत्र के एमडीडीए के नियंत्रण में आते ही अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अब तक एमडीडीए 30 निर्माण को सीलिंग नोटिस जारी कर चुका है। इसके साथ ही ऋषिकेश के विस्थापित क्षेत्र आमबाग में बने बहुमंजिला भवनों को सील करने की तैयारी की जा रही है।

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एमडीडीए के सचिव (विकासनगर-ऋषिकेश) एसएल सेमवाल ने बताया कि आमबाग क्षेत्र में टिहरी बांध विस्थापितों को जमीनें आवंटित की गई थी। विस्थापित परिवारों ने अपनी जमीनें बेच दी हैं, जबकि खरीदारों के नाम पर म्यूटेशन नहीं किए जा सके हैं। 

इसके बाद भी संबंधित क्षेत्र में बहुमंजिला भवन खड़े कर दिए गए हैं। ये भवन संकरे मार्गों पर बने हैं। लिहाजा, सभी को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। इसके बाद मानकों के विपरीत बने भवनों को सील भी किया जाएगा।

सचिव सेमवाल ने बताया कि अब ऋषिकेश में अवैध निर्माण पर काटे गए चालान के प्रकरणों पर सुनवाई की जाएगी। इनके निस्तारण के साथ ही अवैध निर्माण को सील करने के आदेश भी जारी किए जाएंगे। छह निर्माण को 30 अक्टूबर को सील करने के आदेश भी जारी किए जा चुके हैं। 

उधर, एमडीडीए उपाध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि ऋषिकेश क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण किए गए हैं। इन सभी पर धीरे-धीरे कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, प्रारंभिक चरण में निर्माणाधीन अवैध भवनों पर शिकंजा कसा जा रहा है।

एमडीडीए के नोटिस का तथ्यों के साथ दें जवाब: सीएम

हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए एमडीडीए ने आवासीय नक्शे पर चल रहे व्यापारिक प्रतिष्ठानों को सीलिंग नोटिस जारी किए हैं। अब तक एक हजार से अधिक नोटिस जारी किए जा चुके हैं। नोटिस को लेकर व्यापारियों का धरना-प्रदर्शन जारी है और सोमवार व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर बीच का रास्ता निकालने की मांग की। हालांकि, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्पष्ट किया कि धरना-प्रदर्शन किसी बात का समाधान नहीं है और यह कार्रवाई हाईकोर्ट के आदेश पर की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नोटिस का जवाब संबंधित व्यापारी जल्द से जल्द और पूरे तथ्यों के साथ दें। किसी भी शंका के समाधान के लिए एमडीडीए की ओर से हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है। 

इस दौरान प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष अनिल गोयल ने कहा कि जाखन क्षेत्र, जीएमएस रोड, मोथरोवाला, धर्मपुर माता मंदिर रोड क्षेत्र में दशकों पहले से ही व्यापारिक प्रतिष्ठान अस्तित्व में हैं। एमडीडीए के नियमों के बाद छोटे कारोबारियों के प्रतिष्ठानों को भारी क्षति की आशंका बन गई है और उनमें भय का माहौल व्याप्त हो गया है। ऐसे में उन्होंने सरकार से बीच का रास्ता निकालने की मांग की। 

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इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव आवास नितेश झा, सचिव शैलेष बगोली, एमडीडीए उपाध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव, नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे, व्यापारी नेता विपिन नागलिया आदि उपस्थित रहे।

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