इस बार रक्षाबंधन पर बाजार में नहीं दिखी ज्यादा भीड़
रक्षाबंधन पर बाजारों में ज्यादा भीड़ नहीं दिखी। बड़ी संख्या में दुकानदारों ने दुकानें बंद रखीं। इससे पुलिस को भी व्यवस्था बनाए रखने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी।
देहरादून, जेएनएन। रक्षाबंधन पर बाजारों में ज्यादा भीड़ नहीं दिखी। इसकी एक वजह यह भी रही कि त्योहार के चलते बड़ी संख्या में दुकानदारों ने दुकानें बंद रखीं। इससे पुलिस को भी व्यवस्था बनाए रखने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी।
रक्षाबंधन और सावन का आखिरी सोमवार एक ही दिन होने से बाजार में आम दिनों से ज्यादा भीड़ होने की संभावना थी। ऐसे में यातायात व सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस पहले ही अलर्ट हो गई थी। सुबह ही चौराहों और प्रमुख स्थानों पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। लेकिन, सोमवार को वही लोग घर से बाहर निकले, जिन्हें कोई जरूरी काम था। मंदिरों में भी उम्मीद से कम लोग पहुंचे। शहर के व्यस्ततम आढ़त बाजार और पलटन बाजार में भी कम ही लोग खरीदारी करने पहुंचे। सरकारी अवकाश के कारण सड़कों पर भी यातायात का दबाव कम रहा।
रक्षाबंधन के लिए अधिकतर बहनों ने राखी व उपहार की खरीदारी पहले ही कर ली थी। जो लोग किन्हीं कारणों से खरीदारी नहीं कर पाए, वह सुबह जल्दी बाजार जाकर सामान ले आए। इससे 11 बजे तक स्थिति पूरी तरह सामान्य हो गई। सीओ सिटी शेखर चंद्र सुयाल ने बताया कि शहर में पर्याप्त फोर्स तैनात थी, लेकिन भीड़भाड़ कम ही देखने को मिली। यह अच्छा संकेत है कि सभी ने घर में ही त्योहार मनाया।
बहनों ने बरती एहतियात, यात्रा से किया परहेज
कोरोना के संक्रमणकाल में सरकार से लेकर शासन व प्रशासन के अधिकारी बेहद आवश्यक होने पर ही यात्रा करने की सलाह दे रहे हैं। रक्षाबंधन के लिए भी मुख्यमंत्री ने बहनों को राखी की शुभकामनाएं देते हुए यही अपील की थी। अच्छी बात रही कि निश्शुल्क यात्रा होने के बाद भी बहनों ने एहतियात बरतते हुए यात्रा से परहेज किया। सोमवार को देहरादून आइएसबीटी समेत अन्य बस अड्डों का नजारा भी एहतियात की कहानी बयां कर रहा था।
बहनों को निश्शुल्क यात्रा कराने के लिए परिवहन निगम (रोडवेज) की 250 बसें तैयार खड़ी थीं और 500 अतिरिक्त बसों को भी आरक्षित रखा गया था।
क्योंकि निगम को उम्मीद थी कि रक्षाबंधन पर यात्रियों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि, इसकी जरूरत नहीं पड़ी। वहीं, भाई और बहन के स्नेह के इस पर्व को पूरे उल्लास के साथ मनाया गया। बहनों ने खुद तो यात्र से परहेज किया ही भाइयों को भी अनावश्यक यात्रा न करने की सलाह दी। इसके लिए पहले ही डाक से राखियां भेजी जा चुकी थीं। इसके बाद जब भाइयों के हाथ पर स्नेह का धागा सजा तो वीडियो कॉल व वाट्सएप पर प्यार बांटा गया। उत्तराखंड परिवहन निगम के उप महाप्रबंधक आरपी भारती ने बताया महिला यात्रियों की संख्या अपेक्षा के अनुरूप कम रही। हालांकि, देर रात तक बसों का संचालन होने के चलते महिलाओं के यात्रा के आंकड़े मंगलवार तक जारी किए जा सकेंगे। इतना जरूर है कि 250 बसों में करीब 14 हजार यात्रियों ने सफर किया।
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